टीवी और फिल्मी दुनिया का एक चमकता सितारा दुनिया को अलविदा कहकर चला गया। सुशांत सिंह राजपूत अब हमारे बीच नहीं हैं। बॉलीवुड से लेकर टीवी इंडस्ट्री के कई लोग आज उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। मुंबई में नम आंखों से सुशांत सिंह राजपूत को आखिरी विदाई दी गई। विले पार्ले के सेवा समाज घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। अंतिम विदाई देने के लिए परिवार औऱ करीबी मौजूद रहे।

बता दें कि उभरते हुए सितारे और पर्दे पर प्रसिद्ध क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का किरदार निभाने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को मुंबई स्थित अपने फ्लैट पर आत्महत्या कर ली थी। वह पिछले 6 महीने से डिप्रेशन में थे। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों से काम को लेकर परेशान चल रहे थे। लेकिन बॉलीवुड में ऐसा मुकाम सुशांत ने काफी मिहनत से बनाया था। ग्लैमर वर्ल्ड में एक साइड डांसर से शुरुआत कर एक फेमस टेलिविजन स्टार औऱ बॉलीवुड के बड़े परदे पर एक विश्वसनीय अभिनेता का सफर तय करने वाले सुशांत ने यह सब कड़ी मिहनत से पाया था। फिर आखिर क्या वजह रही कि सुशांत को ऐसा कदम उठाना पड़ा , यह सवाल समझ से परे है।

जैसा कि उनके जानने वाले बताते हैं कि सुशांत एक स्पष्ट सोच वाले इंसान थे। फिर भी उनके द्वारा डिप्रेशन में आत्महत्या करने के बाद से फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसक हैरान हैं। हर शख्स के दिमाग में बस एक ही सवाल चल रहा है कि आखिर सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड क्यों किया. कई लोगों का ऐसा मानना है कि उन्हें फिल्म इंडस्ट्री से पूरा सपोर्ट नहीं मिल पा रहा था। इस वजह से उन्होंने ये कदम उठाया। आम तौर पर नेपोटिज्म के खिलाफ आवाज उठाने वाली एक्ट्रेस कंगना रनौत की भी इस पर प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री की जम कर क्लास लगाई है और आउटसाइडर्स को ठीक तरह से एकनॉलेज नहीं किए जाने की बात कही है।

फिल्म इंडस्ट्री में दूसरे लोग भी से ग्लैमर वर्ल्ड में भेदभाव की बात कर रहे हैं। हो सकता है कि यह बात सही हो। लेकिन यह भी सही है कि इसी बॉलीवुड ने उन्हें अनेकों फिल्में सौंपी और जनता के बीच उनकी पहचान बनायी। बॉलीवुड में जो भी लोग सफल है वह सभी कभी ना कभी बाहरी ही थे। आज भी रोज सैकड़ों कलाकर बॉलीवुड आ रहे हैं और अपना भाग्य आजमा रहे हैं। खबर तो यह भी है कि सुशांत के पास हाथ में अभी तीन चार फिल्में थी भी। जिसका मतलब यह कि काम की कमी भी नहीं थी । फिर भी सुशांत का इस तरह जाना कई सवाल खड़े करता है, जिसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।

बहरहाल परिस्थितियां चाहें जितनी विपरीत हो, इंसान को हिम्मत नहीं हारना चाहिए। वो इंसान ही क्या जो हालात के आगे हथियार डाल दे। इंसान को कभी एक नन्हीं चींटी भी संदेश दे जाती है…

नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है ।
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है ॥
मन का साहस रगों में हिम्मत भरता है ।
चढ़ कर गिरना, गिर कर चढ़ना न अखरता है ॥
मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती ।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ॥

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here