शुक्रवार को 16 विपक्षी पार्टियों ने बिहार की राजधानी पटना में एकजुटता दिखाने का काम किया। हालांकि इस बीच आम आदमी पार्टी के सुर बदले बदले से दिखे। दरअसल नीतीश कुमार के बुलावे पर अरविंद केजरीवाल पटना पहुंचे। लेकिन उनकी पार्टी का कहना है कि अगली विपक्षी एकता मीटिंग में वह इसी शर्त पर शामिल होंगे जब कांग्रेस दिल्ली में लाए गए अध्यादेश का AAP के साथ मिलकर विरोध करे।
आम आदमी पार्टी का कहना है, “कांग्रेस अगर अध्यादेश के मुद्दे पर हमारे साथ नहीं आती है तो फिर विपक्षी एकता में शामिल होना हमारे लिए आसान नहीं होगा। कांग्रेस को इस अध्यादेश का राज्यसभा में विरोध करना होगा। अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती है तो फिर जहां कांग्रेस शामिल होगी ऐसी मीटिंग में हम शामिल नहीं हो सकेंगे। कांग्रेस को तय करना होगा कि वह दिल्ली की जनता के साथ खड़ी है या मोदी सरकार के साथ खड़ी है।”
सूत्रों की मानें तो इस मुद्दे पर कांग्रेस और AAP के बीच बन नहीं रही है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि अध्यादेश के मुद्दे कांग्रेस बीजेपी के बीच सहमति है। इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि अध्यादेश का विरोध करना है या समर्थन ये संसद सत्र से पहले मीटिंग में तय किया जाएगा।