आम आदमी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। एक ओर जहां उन्होंने आतिशी मार्लेना को अपना पहला कैंडिडेट घोषित किया वहीं खबरें हैं कि पार्टी के कहने पर आतिशी ने अपना सरनेम नाम से हटा लिया।
आतिशी के इस कदम के बाद पार्टी से इस्तीफा दे चुके पूर्व पत्रकार आशुतोष ने इस पर बुधवार सुबह एक ट्वीट कर अपना पुराना दर्द बयां किया है।
In 23 years of my journalism, no one asked my caste, surname. Was known by my name. But as I was introduced to party workers as LOKSABHA candidate in 2014 my surname was promptly mentioned despite my protest. Later I was told – सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहाँ काफी वोट हैं ।
— ashutosh (@ashutosh83B) August 29, 2018
आशुतोष ने अपने ट्वीट में लिखा, ’23 साल के मेरे पत्रकारिता करियर में मुझसे किसी ने मेरी जाति या सरनेम नहीं पूछा। मैं अपने नाम से जाना जाता रहा। लेकिन जब 2014 के लोकसभा चुनाव में मेरा परिचय पार्टी कार्यकर्ताओं से कैंडिडेट के रूप में कराया गया तो मेरे विरोध के बावजूद मेरे नाम के साथ मेरा सरनेम बताया गया। बाद में मुझे बताया गया- सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहां काफी वोट हैं।’
बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी मार्लेना ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट प्रभारी के रूप में काम करते हुए अपना बदल लिया है। अब वह अपना नाम आतिशी ही इस्तेमाल कर रही हैं। आतिशी के ट्विटर हैंडल समेत प्रचार सामग्री से भी मार्लेना टाइटल गायब है। आप सूत्रों का कहना है कि भ्रम की स्थिति से बचने के लिये मार्लेना टाइटल आतिशी ने खुद ही हटाया है। आशंका इस बात की भी थी कि कहीं विपक्षी दल इस टाइटल का इस्तेमाल कर लोगों में उनके धर्म को लेकर अफवाह न फैला सकें।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि वामपंथी रुझान की वजह से आतिशी इस टाइटल का इस्तेमाल कर रही थीं। यह मार्क्स व लेनिन को जोड़कर बना है। पंजाबी मूल की आतिशी क्षत्रिय हैं। उनके पिता विजय सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। पार्टी सूत्र बताते हैं कि पूर्वी दिल्ली सीट का प्रभार मिलने के बाद से अफवाह उड़ाई जा रही है कि आतिशी ईसाई समुदाय से हैं। इसकी वजह उनके नाम से जुड़ा टाइटल था।
दूसरी तरफ, इस बारे में सवाल करने पर आतिशी ने कहा कि अजीब बात है कि लोग हमारे काम से ज्यादा नाम की चर्चा कर रहे हैं। कोई इस पर बात नहीं कर रहा है कि आतिशी ने शिक्षा के लिए क्या किया। लोग मार्लेना टाइटल की चर्चा कर रहे हैं। उपनाम लगाना न लगाना या क्या लगाना है, यह निजी फैसला है।
गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड से उच्च शिक्षा लेने के बाद आतिशी आप से जुड़ीं। 2013 और 2015 के चुनाव में उन्होंने आप का घोषणा पत्र तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। सरकार बनने के बाद शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आतिशी को अपना सलाहकार बनाया।
हालांकि, अप्रैल 2018 में गृह मंत्रालय के आदेश पर यह नियुक्ति रद्द हो गई थी। इसके बाद आप ने उन्हें पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट का प्रभारी नियुक्त किया है। दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में हो रहे काम में आतिशी की भूमिका अहम मानी जाती है।