शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण कर मोहब्बत की अनूठी मिसाल पेश की थी जिसके बाद से ताजमहल को प्यार की निशानी के रुप में दुनियाभर में विख्यात है। इसकी ही तर्ज पर कर्नाटक के एक छोटे से गांव रहने वाले व्यक्ति ने अपनी दिवंगत पत्नी से मोहब्बत की एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए उसकी याद में एक मंदिर का निर्माण किया है।

कर्नाटक के चामराजनगर जिले में एक खेती कर जीवन का यापन करने वाले राजूस्वामी नाम के एक शख्स ने अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा के अनुरूप अपने गांव में एक मंदिर की स्थापना की है और पिछले 12 वर्षों से निरंतर उनकी पूजा भी कर रहे हैं।

राजूस्वामी ने कहा कि उनकी पत्नी राजम्मा ने विवाह के बाद उनसे गांव में एक मंदिर की स्थापना कराने की इच्छा जाहिर की। इस पर उन्होंने खुद गांव में एक मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया, लेकिन इसके पूरा होने से पूर्व ही राजम्मा का देहांत हो गया। उन्होंने कहा कि पत्नी की मृत्यु के बाद भी उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कराया और इसके बाद मंदिर में अन्य देवी देवताओं के साथ-साथ राजम्मा की भी मूर्ति स्थापित करा दी।

राजूस्वामी ने बताया कि जब वह मंदिर में पत्नी की मूर्ति की स्थापना कर रहे थे तो गांव के तमाम लोगों ने उनका विरोध किया लेकिन पत्नी की इच्छा और उन्हें ईश्वर का स्वरुप मानते हुए उन्होंने मूर्ति स्थापना का काम पूरा किया।

विरोध के बाद हुई थी शादी

राजूस्वामी ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने अपनी बहन की बेटी राजम्मा से विवाह किया था। राजूस्वामी के मुताबिक उनके माता-पिता के इस विवाह के लिए तैयार ना होने के कारण शुरुआती दौर में उन्हें कई विरोधों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन अपनी राजम्मा के माता-पिता के विवाह के लिए राजी होने के बाद उन दोनों ने शादी कर ली।

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