उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में सावन के आखिरी सोमवार को विश्वप्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम शिवालयों में बाबा की पूजा-अर्चना के लिए देशी-विदशी शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। गेरुआ रंग में रंगी शिव नगरी में चारों तरफ अद्भूत छटा बिखरी हुई है तथा “बम-बम भोले, बोलो बम, हर-हर महादेव” के जयकारे एवं घंटियों की आवाज से गूंज रही है।  धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठा नक्षत्र में भगवान शिव की पूजा करने से हर प्रकार के शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है। घरेलू विवाद समाप्त होने के अलावा संतान सुख और नौकरी प्राप्ति जैसी मनोकामनएं पूर्ण होती हैं। यही वजह है कि अंतिम सोमवार को शिवालयों में शिवक्तों का तांता लगा हुआ है।

पिछले सोमवार की अपेक्षा अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने का अनुमान हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त के दौरान बाबा का जलाभिषेक करने के लिए दूर-दूर से आये हजारों कांवड़िये रविवार देर शाम से ही कतारों में खड़े होने लगे थे। रविवार दोपहर बाद तेज बारिश के बाद यहां का मौसम सुहाना हो गया था। आकाश में बादल छाये हुए हैं तथा पिछले दिनों की अपेक्षा गर्मी बेहद कम है। इस वजह से कांवड़िये बेहद खुश हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह हजारों शिवभक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक एवं दुग्धाभिषेक किया है तथा यह सिलसिला रात तक जारी रहने की संभावना है। प्राचीन विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने के दो प्रमुख मार्गों पर दो-तीन किलोमीटर लंबी कतारें लगी हुईं हैं। गंगा घाटों पर स्नान के बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालु वहां से जल लेकर शिवालयों की ओेर रुख कर रहे हैं। दशाश्वमेध घाट से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक करीब आधा किलोमीटर के दायरे में चारों तरफ गेरु वस्त्रधारी नजर आ रहे हैं और बाबा भोले के जयकारे से आकाश गूंज रही है।

कैथी के मार्कंडेय महादेव और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित विश्वनाथ मंदिर समेत कई मंदिरों सोमवार तड़के तीन-चार बजे से ही श्रद्धालुओं की कतरें लगनी शुरु हो गई थी हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिवालयों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं तथा किसी प्रकार की अप्रिये घटना की सूचना नहीं मिली है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने बताया कि सावन के अंतिम सोमवार को सबसे अधिक शिवभक्तों के आने की संभावना है। इसके मद्देनजर पहले से ही सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम कर लिये गए हैं। स्थानीय पुलिस कर्मियों के अलावा विभिन्न केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ-साथ सीसीटीवी तथा ड्रोन कैमरों के माध्यम से चप्पे-चप्पे नजर रखी जा रही है। जल पुलिस को विशेष तौर पर सतर्क रहने के निर्देश दिये गए हैं। बहुत से पुलिस कर्मियों को गेरुआ वस्त्र और सादे पोशाक में सुरक्षा निगरानी की जिम्मेवारी सौंपी गई है। दशाश्वमेध घाट से लेकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और उसके आसपास के बेहद भीड़-भाड़ एवं संवेदनशील इलाके की सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की भी मदद ली जा रही है।

कुलकर्णी ने बताया कि यातायात में बदलाव किये गए हैं और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत संभावित भीड़-भाड़ वाले शिवालयों के आसपास के प्रमुख मार्गों पर चार पहिया एवं भारी वाहनों की आवाजाही पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है। यातायात पुलिस की ओर से विशेष निगरानी की जा रही है। एनडीआरएफ को विशेष तौर पर सकर्त रहने के निर्देश दिये गए हैं।

साभार- ईएनसी टाईम्स

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