मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में कई परिवर्तन हुए। सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्तर पर कई ऐसे बदलाव हुए जो शायद पिछली सरकारों में क्या पिछले 70 सालों में भी देखने को नहीं मिला। ऐसा ही एक बदलाव फिर से होने जा रहा है। खबरों के मुताबिक, मोदी सरकार ने एक समिति का गठन किया है। इस समिति का काम ये रहेगा कि वह भारत के इतिहास को एक नए सिरे से लिखे। एक मीडिया चैनल के मुताबिक, मोदी सरकार भारतीय के इतिहास को दोबारा से लिखने का प्रयास कर रही है। इस इतिहास में कुछ नई चीजें जोड़ी जाएंगी। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि अब तक के इतिहास में कुछ गलत तथ्य तो पेश नहीं किए गए हैं।

मीडिया से बातचीत के दौरान इस समिति के चेयरमैन केएन दीक्षित का  कहना है कि समिति को एक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है, जो प्राचीन भारतीय इतिहास के कुछ पहलुओं को दोबारा से लिखने में सरकार की मदद करेगी। मीडिया चैनल का दावा है कि कल्चर मिनिस्टर महेश शर्मा ने भी एक इंटरव्यू के दौरान स्वीकार किया है कि इस समिति का काम भारतीय इतिहास को संशोधित करने की बड़ी योजना का हिस्सा है।

इस समिति को हिंदू प्राचीन ग्रंथों, तथ्यों, प्राचीन मूर्तियों और इतिहास के बारे में गहन अध्ययन करना है और इसको नए अंदाज में सत्यता के साथ पेश करना है। इसके साथ ही समिति का उद्देश्य ऐसे पुरातात्विक साक्ष्यों का इस्तेमाल करना है, जो यह साबित कर सके कि हिंदू ही सबसे प्राचीन लोगों के उत्तराधिकारी हैं और प्राचीन हिंदू शास्त्रों में कोई मनगढ़ंत कथाएं नहीं, बल्कि तथ्य हैं। मीडिया से बातचीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक मनमोहन वैद्य का कहना है कि  “भारतीय इतिहास का असली रंग भगवा है और सांस्कृतिक परिवर्तन लाने के लिए हमें इतिहास को दोबारा लिखना होगा।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here