रविवार को सात राज्यों की नौ विधानसभा सीटों और श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के दौरान श्रीनगर में भीषण हिंसा की खबर है। अलगाववादियों ने पहले से ही इस उप चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था। इन धमकियों के बावजूद शुरू हुए मतदान के दौरान लोगों में भय का माहौल बनाने और लोगों को मतदान से रोकने के लिए अलगाववादियों ने हिंसा का सहारा लिया। मतदान के दौरान श्रीनगर, बड़गाम और गांदेरबल जिलों में दर्जन भर से अधिक स्थानों से पथराव और हिंसा की खबर है़। हिंसा में लोगों के मारे जाने के विरोध में अलगाववादियों ने आज से दो दिन का बंद बुलाया है।
घाटी में उपचुनाव के दौरान हुई ताज़ा घटनाओं में 8 लोगों को मौत हो गई जबकि 12 से ज्यादा मतदानकर्मी, डेढ़ सौ से अधिक सुरक्षाकर्मी और 36 प्रदर्शनकारी जख्मी हो गए। उपद्रवियों ने 70 मतदान केंद्रों पर हमले किए, जिसमें दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और 20 ईवीएम को जलाया, तोड़ा या लूट लिया गया। इस हिंस के लिए नेशनल कांफ्रेंस ने राज्य की महबूबा मुफ़्ती सरकार को जिम्मेदार बताया और विफलता के लिए आलोचना भी की है। दूसरी तरफ राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया है।
श्रीनगर लोकसभा सीट के बडगाम जिले में सबसे अधिक हिंसा हुई। इस जिले के चरारे शरीफ, बीरवाह और छडूरा में दो-दो व्यक्तियों की मौत हो गयी, जबकि एक व्यक्ति की मौत जिले के ही मागम कस्बे में हुई एक अन्य व्यक्ति की गांदेरबल के बारसू में मौत हो गयी। इस सीट से नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार फारुक अब्दुल्ला और राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी के उम्मीदवार नजीर अहमद खान सहित कुल नौ प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। यहाँ चुनाव के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये गए थे। इसके बावजूद हिंसा हुई जिसे काबू में करने के लिए सेना बुलानी पड़ी।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शांतमनु ने कम मतदान प्रतिशत पर निराशा जताते हुए बताया कि इस संसदीय सीट पर महज 7.14 फीसदी मतदान हुआ है। पुनर्मतदान की बात पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल पुनर्मतदान के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता़ है। कम मतदान का यह आंकड़ा करीब 50 से 100 या उससे भी अधिक मतदान केन्द्रों पर है। हालांकि इन परिस्थितियों और कम मतदान को देखते हुए राज्य में पुनर्मतदान कराया जा सकता है।
जम्मू कश्मीर के अलावा मध्यप्रदेश में अटेर विधानसभा उपचुनाव में दो जगहों से गोलीबारी की खबर है। हालांकि, कर्नाटक की दो सीटों के अलावा मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली की एक-एक विधानसभा सीटों पर उपचुनाव शांतिपूर्ण रहा़। दिल्ली की राजौरी गार्डन सीट पर भी मतदान प्रतिशत काफी कम होने की खबर है।