जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों ने हिजबुल कमांडर सब्जार अहमद बट के मारे जाने के बाद दो दिन के कश्मीर बंद का आह्वान किया था, लेकिन इस बंद को करारा जवाब देते हुए कश्मीर के स्थानीय युवाओं ने भारतीय सेना में भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में भारी संख्या में हिस्सा लिया। इस परीक्षा में 799 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। इससे पहले सेना भर्ती के लिए 815 युवाओं ने आवेदन किया था।

कश्मीर के इन युवाओं ने सेना भर्ती की परीक्षा में भाग लेकर कश्मीर के उन युवाओं को करारा जवाब दिया है जो देश की रक्षा करने वाले सैनिकों पर पत्थर बरसाते हैं। सेना ने बुरहान वानी के साथी सब्जार को ढेर किया तो कश्मीर के कुछ गलत ताकतों ने घाटी में फिर से हिंसा भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वहीं दूसरी ओर उसी हिंसा और कर्फ्यू के हालात के बीच में कुछ ऐसे युवा भी हैं जो देश की रक्षा करने के लिए उसी सेना का हिस्सा बनना चाहते हैं जिसने बुरहान और सब्जार जैसे आतंकियों को मार गिराया है।

मेजर जनरल एके सिंह ने बताया कि, कश्मीरी युवा उत्साहित होकर परीक्षा में शामिल हुए, उन्होंने यह भी बताया कि, ‘विभिन्न अलगाववादी गुटों से बंद के आह्वान की परवाह ना करते हुए कुल 815 अभ्यर्थियों में से 799 ने आज पट्टन और श्रीनगर में हुई संयुक्त प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिया। यह संयुक्त प्रवेश परीक्षा सेना में जूनियर कमिशन अधिकारी और दूसरे पदों पर चयन के लिए ली गई। अपने प्रयासों से हम उन्हें सही दिशा दिखाने में कामयाब होंगे।

कश्मीरी युवाओं की परीक्षा में उपस्थिति अलगाववादियों के मुंह पर करारा तमाचा है। सेना भर्ती में इस उपस्थिति से अलगाववादियों के 30 मई को होने वाले ‘मार्च टू त्राल’ पर भी असर पड़ेगा। आपको बता दें कि कश्मीर के अलगाववादियों ने हिजबुल कमांडर सबजार बट के मारे जाने के बाद उसकी याद में 30 मई को ‘मार्च टू त्राल’ का भी आह्वान किया है।

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