पनामा पेपर्स के बाद ‘पैराडाइज पेपर्स’ लीक को इतिहास का सबसे बड़ा खुलासा कहा जा रहा है। बताया जा रहा है कि टैक्स हेवंस में कथित तौर पर 714 भारतीयों का नाम शामिल है। डाटा में शामिल नामों के आधार पर 180 देशों के डाटा में भारत का स्थान 19वां है।

‘पैराडाइज पेपर्स’ के खुलासे के बाद से देश में हंगामा मचा हुआ है पर सरकार पूरी तरह हलचल में है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जानकारी दी है कि सरकार ने इस मामले की जांच की निगरानी कई एजेंसियों के एक समूह को सौंप दी है। जांच एजेंसियों के इस समूह की अध्यक्षता सीबीडीटी के चेयरमैन करेंगे। इस समूह में सीबीडीटी, ईडी, आरबीआइ और एफआइयू के प्रतिनिधि होंगे।

बता दें कि भारत से इसमें जिन 714 लोगों का नाम है उसमें ज्यादातर नाम सत्तापक्ष के कुछ नेताओं के साथ-साथ सिनेमा जगत की कई बड़ी हस्तियों के हैं। इसमें मोदी सरकार में मंत्री जयंत सिन्हा, भाजपा सांसद रवींद्र किशोर सिन्हाअमिताभ बच्चन , संजय दत्त की पत्नी दिलनशीं दत्त, उद्योगपति विजय माल्या, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, डॉ अशोक सेठ, कोचिंग कंपनी फिट्जी, नीरा राडिया आदि के नाम सामने आए हैं।  

हालांकि इस खुलासे ले बाद जयंत सिन्हा ने इसे लेकर ट्विटर पर सफाई दी है। जयंत सिन्हा का कहना है कि उन्होंने कोई गलत हरकत नहीं की है, वे ट्रांजैक्शंस लीगल थे। सिन्हा ने कहा कि उन्होंने कोई भी ट्रांजैक्शन ‘निजी मकसद’ से नहीं किया था। पैराडाइज पेपर्स की जांच से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिन्हा ने ओमिडियर नेटवर्क के भारत में मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में काम किया था। ओमिडियर नेटवर्क ने अमेरिकी कंपनी डी.लाइट डिजाइन में निवेश किया था, जिसकी एक सब्सिडियरी केमैन आइलैंड्स में है।

इसे पत्रकारों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन आईसीआईजे ने बरमूडा और सिंगापुर स्थित फर्मों के दस्तावेज लीक किए हैं। सूत्रों की माने तो पिछले साल अप्रैल में कई भारतीयों द्वारा विदेशों में धन जमा करने से संबंधित पनामा पेपर्स की जांच के लिए मल्टी एजेंसी ग्रुप गठित किया गया था, अब ताजा पैराडाइज पेपर्स की जांच का जिम्मा भी इसी ग्रुप को सौंप दिया गया है। मल्टी एजेंसी ग्रुप में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT), इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, प्रवर्तन निदेशालय, फाइनैंशल इंटेलिजेस यूनिट और आरबीआई के अलावा कुछ और संस्थानों के अधिकारी शामिल हैं।

गौरतलब है कि पैराडाइज पेपर्स में तकरीबन 7 मिलियन लोन एग्रीमेंट्स, वित्तीय बयान, ईमेल्स, ट्रस्ट दस्तावेज और अन्य कागजी काम शामिल हैं। ये सभी डाटा एपलबाई के 50 सालों के लेन-देन से जुड़े हैं। एपलबाई एक नामी लॉ फर्म है, जिसका ऑफिस बरमुडा और अन्य स्थानों पर है। भारत के अलावा इन पेपर्स में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कई मंत्रियों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन के लिए कोष जुटाने वाले और वरिष्ठ सलाहकार और रुसी राष्ट्रपति पुतिन का भी नाम शामिल है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here