पंजाब में खुशियों के त्यौहार विजयदशमी पर शुक्रवार देर सांम उस समय मातम पसर गया जब यहां हुये एक हृदय विरादक हादसे में रेलगाड़ी की चपेट में आने से लगभग 60 लोगों की मौत हो गई। लगभग 70 अन्य घायल हो गये। हादसा जोड़ा फाटक के निकट हुआ जब रेललाईन के निकट विजयदशमी पर्व पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और लोग यह दृश्य को देख रहे थे। वे सभी इस बात से बिलकुल बेखबर थे कि कुछ पल में ही उनका हर्षोल्लास मातम में बदल जाएगा। तभी वहां जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू रेलगाड़ी तेज गति से गुजरी और उसने पटरी पर खड़े होकर दशहरा पर्व का नजारा देख रहे लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इन लोगों को पुतलों के जलने पर हुई पटाखों की आवाज में रेलगाड़ी के आने का अहसास तक नहीं हुआ। इस दौरान अनेक लोग रावण का पुतला दहन होने का दृश्य अपने मोबाईल कैमरों में कैद करने में मशगूल थे और अचानक रेलगाड़ी इन्हें रौंदते हुये निकल गई।

पल में ही जहां रावण जलने का नजारा मातम में बदल गया। घटनास्थल पर मंजर यह था कि मात्र पांच सैकंड से भी कम समय में वहां अनेक लोग रेलगाड़ी के नीचे कट गये और अनेक घायल हो गये। पटरी और इसके आसपास लाशों का अम्बार लग गया। जमीन खून से सन गई। किसी का सिर तो किसी का धड़, बाजु और टांगें इस उधर बिखरे हुये थे। इस हादसे का ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शिकार बने। कम से कम 50 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई तथा कईयों ने अस्पताल में ईलाज के दौरान दम तोड़ा। करीब 70 लोगों का यहां सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में ईलाज चल रहा है।  इनमें से अनेक जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार कम से कम 40 लोगों की हालत बेहद गम्भीर है।

विजयदशमी पर्व पर वहां लोगों को रेल पटरी से हटाने के लिये स्थानीय प्रशासन और रेलवे की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। कि इस समारोह के लिये कोई अनुमति नहीं ली गई थी जिसकी फिलहाल जांच चल रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुतला दहन कार्यक्रम सायं छह बजे निर्धारित था लेकिन समारोह की मुख्यातिथि और राज्य के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू देर से वहां पहुंची और इस वजह से पुतला दहन कार्यक्रम में भी विलम्ब हुआ। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि अगर नवजोत कौर समय से समारोह में पहुंच जाती तो पुतला दहन कार्यक्रम समय से सम्पन्न हो जाता और यह हादसा होने से बच जाता। उनका कहना है कि लोग बदहवास और रोते बिलखते हुये घटनास्थल पर पड़े चीथड़ों के बीच अपनों को पहचानने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ को उनके परिजनों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है।

उनका यह भी दावा है कि जब यह हादसा हुआ तो नवजोत कौर वहीं मौजूद थीं। लेकिन लोगों के कोपभाजन के डर से वह अपनी कार में बैठ कर आनन फानन में वहां से रफूचक्कर हो गईं। उधर नवजोत कौर ने मीडिया को दिये बयान में कहा कि वह मौके से भागी नहीं। हादसा उनके जाने के 15 मिनट के बाद हुआ और उन्हें इसकी सूचना फोन पर मिली और तत्काल हताहतों को देखने अस्पताल पहुंची। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसे पर राजनीति करना बेहद शर्मनाक है और कहा कि यह समारोह यहां पहली बार नहीं बल्कि हर वर्ष मनाया जाता है।

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन उन्हें वहां लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। बिखरे मानव अंगों से प्रशासनिक अधिकारी इस हादसे में मारे गये लोगों की सही संख्या भी बताने से हिचकिचाते नजर आए। सरकार के कैबिनेट मंत्री ओ.पी. सोनी और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष भी मौके पर पहुंचे लेकिन उन्हें लोगों की हूटिंग का शिकार होना पड़ा। दोनों नेता लोगों के आक्रोश को देखते हुये तुरंत वहां से खिसक लिये।

अमृतसर के पुलिस आयुक्त एस.एस. श्रीवास्तव ने बताया कि इस घटना में 40-50 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि हताहतों की संख्या का आंकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है इस घटना में कम से कम 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। उनका आरोप है कि रेलगाड़ी के चालक न तो हॉर्न बजाया और न ही फाटक के गटमैन ने रेलगाड़ी चालक को गति धीमी करने अथवा लोगों को रेलगाड़ी आने के प्रति सचेत किया। उनका दावा है कि फाटक का गेट भी बंद नहीं किया गया था।

इस बीच राज्य सरकार ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है जिसके तहत सभी सरकारी कार्यालय और शिक्षण संस्थान 20 अक्तूबर को बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये हताहतों के परिजनों के प्रति हार्दिक समवेदन व्यक्त की है। उन्होंने घटना की जांच के भी आदेश दिये हैं। इस बीच कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में हुई इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते इस पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मृतकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता देने का किया ऐलान

राज्य सरकार ने इस घटना के मारे से लोगों के आश्रितों के लिये पांच-पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने तथा घायलों को निशुल्क ईलाज मुहैया कराने की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने भी मृतकों के आश्रितों के लिये दो-दो लाख रूपये तथा घायलों को 50-50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इस बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह जो शुक्रवार सायं इजरायल रवाना होने वाले थे उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित कर दी है। वह इस समय दिल्ली में हैं और आज यहां पहुंचेंगे तथा हताहतों के परिवारों से मिलेंगे। वह सिविल अस्पताल में घायलों का हालचाल भी जानेंगे और अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव को बैठक भी करेंगे। इस बीच उत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी दीपक कुमार ने इस घटना से पल्ला झाड़ते हुये कहा कि इसके लिये रेलवे जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि पुतला दहन के दौरान इसका कुछ हिस्सा गिरने से लोगों में भगदड़ मची जिससे वे फाटक पार कर रेल पटरी पर आ गये और तभी वहां से गुजर रही रेलगाड़ी की चपेट में आ गये।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से बडी संख्या में तत्काल घटनास्थल पर पहु्ंच कर राहत एवं बचाव में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने राज्य सरकार को भी इस सम्बंध में हरसम्भाव इंतज़ाम करने के निर्देश दिये हैं।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “पंजाब के अमृतसर में रेल की पटरी पर हुए हादसे की खबर सुनकर दुखी हूं…’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये हताहतों के परिवारों के प्रति हार्दिक समवेदना व्यक्त की है।

हादसे का पता चलते ही उन्होंने रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को राहत एवं बचाव अमले के साथ अमृतसर पहुंचने  को कहा। श्री सिन्हा विशेष विमान से देर रात यहां पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और हताहतों को लेकर  गहरा दुख व्यक्त किया। उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्वेत मलिक भी थे। उन्हें यहां लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा और वे तुरंत वहां से निकल गये और घायलों का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे। उधर, रेल मंत्री पियूष गोयल ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। वह अपना अमरीका का दौरा बीच में ही छोड़ कर स्वदेश वापिस लौट रहे हैं।

                                  –साभार,ईएनसी टाईम्स

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