देश की राजधानी दिल्ली की जल्द ही तस्वीर बदलने वाली है। दिल्ली की सड़कों पर 58 सालों के बाद फिर ट्राम चलाई जाएगी। आपको बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने ट्राम चलाने की इस योजना को हरी झंडी दे दी है। दिल्ली सरकार ने इलैक्ट्रिक ट्राम चलाने की घोषणा की है।
विदित है कि अंग्रेजों ने दिल्ली में 1908 में पहली बार ट्राम की शुरुआत की थी, लेकिन बढ़ते जाम की वजह से 1960 में इसको चलाना बंद कर दिया गया। अब दिल्ली सरकार की यहां दोबारा ट्राम चलाने की योजना है। सरकार का मानना है उनका मकसद चांदनी चौक के ट्रैफिक जाम को दूर करने के साथ-साथ दिल्ली-6 की ऐतिहासिक विरासत को उसी अंदाज में लोगों के सामने रखना है। चांदनी चौक रिडेवलपमेंट प्लान पर काम शुरू हो गया है।
चांदनी चौक के ऐतिहासिक गौरव को यहां के पुनर्विकास की ओर से फिर स्थापित किया जा सकेगा। जो भी चांदनी चौक घूमने, खरीदने या सामान बेचने आएंगे,उन्हें भारी ट्रैफिक जाम से जूझना नहीं पड़ेगा। अगर किसी व्यक्ति के पास कम समय है तो भी उन्हें यहां आने में अब हिचक नहीं होगी। बेहतर पुनर्विकास से यहां टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
ट्राम दिल्ली के पुराने इलाकों जैसे जामा मस्जिद, गुरद्वारा शीश गंज, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, लाल किला अन्य जगहों को जोड़ेगी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद चांदनी चौक में 1 दिसंबर से रीडिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है।
रीडिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट के तहत चांदनी चौक में लालकिला से फतेहपुरी मस्जिद तक रोड के सेंट्रल वर्ज को 3.5 मीटर चौड़ा किया जाएगा। इतनी चौड़ाई में सेंट्रल वर्ज पर जितने भी बिजली के खंभे हैं, उन्हें बीच में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा रोड के दोनों तरफ रिक्शा के लिए 5.5 मीटर चौड़ा कैरिजवे बनाया जाएगा।