भीषण गर्मी में गिरते भू-जल से देश के कई हिस्सों में पानी का संकट है। वहीं रसूखदार मानकों को ठेंगा दिखाते हुए जमकर भू-जल का दोहन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे होटल मालिकों की ऐसी ही करतूत सामने आई है। लखनऊ के सैकड़ों होटल केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण से मंजूरी लिये बिना जमकर उसका दोहन कर रहे हैं।

भूजल भंडारों से दोहन के लिए लोग सरकारी जमीन यानी फुटपाथ और सड़क तक को नहीं छोड़ रहे हैं। शहर भर में इन दिनों लोग बेफिक्री से फुटपाथ, यहां तक कि सड़क किनारे बोरवेल्स कर भूजल लूट रहे हैं।

जब पानी मिलता है तो लोग उसका बेहिसाब इस्तेमाल करते हैं। लोग यह भूल जाते हैं कि भूजल भंडार असीमित नहीं हैं। यही वजह है कि हर दो-तीन साल में नई जगह बोरवेल्स करानी पड़ रही है।

राजधानी लखनऊ के छोटे-बड़े लगभग 220 होटल केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण से बिना मंजूरी लिए भू-गर्भ जल का दोहन कर रहे हैं। इसका खुलासा दिल्ली के एक आरटीआई एक्टिविस्ट को केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण से मिली सूचना के आधार पर हुआ है। जबकि केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण द्वारा भू-जल के इस्तेमाल के लिए गाइडलाइन्स भी तैयार की गई है। जिसे पूरा करने और एनओसी  के बाद ही कोई होटल या संस्थान भू-जल का इस्तेमाल कर सकता है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और भू-जल प्राधिकरण ने 220 होटलों की सूची तैयार कर डीएम, एलडीए सचिव और नगर आयुक्त से शिकायत की है।

संबंधित विभाग के अफसर कड़ी कार्यवाई का आश्वासन दे रहे हैं। अब देखना यह होगा कि ये सारे आदेश सिर्फ कागज़ी कार्यवाही तक ही सीमित रहते हैं या कोई एक्शन लिया जाएगा।

                                                                                                                       एपीएन ब्यूरो

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