8 दिनों की भूखी-प्यासी बच्ची खाने के लिए रोती रही, चिल्लाती रही, लेकिन इन 8 दिनों के भीतर किसी ने चूं से चां तक नहीं किया। उसकी मां हर दिन राशन की आस में अपना राशन कार्ड लेकर पहुंचती रही, कि आज अनाज मिल जाएगा, ताकि वो अपनी 11 साल की बच्ची को खाना खिला सके। लेकिन उसे राशन की दुकान से इसलिए भगा दिया जाता गया कि उसके पास बीपीएल कार्ड तो है लेकिन वह आधार से लिंक नहीं है। यह वाकया झारखंड के सिमडेगा जिले के एक गांव की है।

यहां के एक परिवार को पीडीएस स्कीम के तहत गरीबों को मिलने वाला राशन पिछले कई महीनों से नहीं मिल पा रहा था। जैसा कि कुछ दिनों में भुखमरी के हालात बनने पर 11 साल की संतोषी कुमारी नाम की लड़की ने दम तोड़ दिया। बता दें कि केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी से आधार कार्ड को सरकारी राशन कार्ड से लिंक करवाना अनिवार्य कर दिया है।

संतोष की मां कोईली देवी का कहना है कि “मैं चावल लेने के लिए राशन की दुकान पर गई थी लेकिन राशन वाले ने मुझे राशन देने से मना कर दिया और उधर मेरी बेटी 8 दिनों से खाना खाने के लिए तड़प रही और बार-बार भात खाने के लिए रटती रही। बस, यही कहते-कहते मर गई।” बताया जा रहा है कि राशन वाले ने आधार लिंक नहीं होने की वजह से उनका कार्ड कैंसिल कर दिया था।बताया जा रहा है कि पिछले 8 महीनों से कोईली देवी को राशन मिलना बंद हो गया था।

खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि, दुर्गा पूजा की छुट्टियों के चलते स्कूल बंद हो गया था। जिसके चलते संतोषी को वहां मिलने वाला मिड डे मील नहीं मिल सका।

अच्छे दिन हो या बूरे दिन, सुबह और शाम गरीबों को खाने के लिए रोटी मिल जाए तो वह खुश रहेगा। उसे कभी आप आधार की लाइन में लगवा दो या नोट बदलने की लाइन में उसे फर्क नहीं पड़ता। बस रात को वह कैसे अपने परिवार के सदस्यों का पेट भरे वो पूरे दिन इसी जुगत में पड़ा रहता है।

जानकारी के मुताबिक बता दें कि इस घटना का खुलासा खाद्य सुरक्षा को लेकर काम करने वाली एक संस्था ने की। संस्था के मुताबिक, बीते 28 सितंबर को संतोषी की मौत इसलिए हो गई, क्योंकि घर पर पिछले आठ दिन से राशन ही नहीं था। इसी दौरान 27 सितंबर को संतोषी की तबीयत बिगड़ गई। उसके पेट में काफी दर्द हो रहा था और भूख के मारे उसका शरीर अकड़ गया था।

जानकारी के मुताबकि आपको बता दें भारत में भूख एक गंभीर समस्या है और 119 देशों के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 100वें पायदान पर है। भारत उत्तर कोरिया और बांग्लादेश जैसे देशों से पीछे है लेकिन पाकिस्तान से आगे है।

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