छोटी-बड़ी सभी कंपनियों में क्लाउड कंप्यूटिंग आज समय की जरूरत बनती जा रही है और दुनियाभर में इस क्षेत्र में लाखों पेशेवरों की आवश्यकता है। 2022 तक इस क्षेत्र से देश में 10 लाख से अधिक नौकरियों के नए अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। एड-टेक प्लेटफार्म फॉर एक्जीक्यूटिव्स ग्रेट लर्निंग की रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में कंपनियां क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर पारंपरिक आईटी खर्च से 4.5 गुना अधिक खर्च कर रही है और संभावना यह है कि 2020 तक यह खर्च और तेजी से बढ़ेगा। जिससे 2022 तक इस क्षेत्र में देश के भीतर ही 10 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे।

ग्रेट लर्निंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान में क्लाउड टेक्नॉलजी ढांचे पर कंपनियां अपने पारंपरिक टेक्नॉलजी खर्च से साढ़े चार गुना अधिक निवेश कर रही हैं। 2020 तक इसके और तेज होने की उम्मीद है। ग्रेट लर्निंग कामकाजी लोगों को टेक्नॉलजी शिक्षा देने वाला एक मंच है। इस रिपोर्ट को वरिष्ठ क्लाउड विशेषज्ञों, रोजगार देने वाले प्रबंधकों के साथ संवाद और उच्च गुणवत्ता की औद्योगिक शोध रिपोर्टों के आकलन से तैयार किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले साल में सूचना टेक्नॉलजी पर किया जाने वाला खर्च लगभग निजी, सार्वजनिक या हाइब्रिड क्लाउड के विकास पर खर्च होगा। यह सूचना टेक्नॉलजी के सभी कामकाज को क्लाउड कंप्यूटिंग के कामकाज में बदल देगा। देश में क्लाउड कंप्यूटिंग का बाजार अभी 2.2 अरब डॉलर (लगभग 155 करोड़ रुपये) है। 2020 तक इसके सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़कर 4 अरब डॉलर ( लगभग 282 अरब रुपये) होने की उम्मीद है।

दरअसल, क्लाउड सेवा के सुरक्षित और लागत प्रभावी होने की वजह से कंपनियों के बीच इसे अपनाने के रूझान में बदलाव आया है। इसलिए अब वह पारंपरिक डाटा केंद्रों के स्थान पर क्लाउड कंप्यूटिंग को वरीयता दे रही हैं और इससे इसका बाजार तेजी से बढ़ रहा है। देश में अब बड़ी कंपनियां भी क्लाउड को अपना रही हैं क्योंकि यह उन्हें कामकाज में लचीलापन, व्यापकता और गति देता है।

यह रिपोर्ट कहती है कि अधिकतर कंपनियों में नौकरी पाने के लिए किए जाने वाले सर्च में जहां क्लाउड कंप्यूटिंग में विशेषज्ञता वाले अधिकतर पद रिक्त हैं। इसलिए 2022 तक देश में क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नॉलजी के क्षेत्र में 10 लाख नई नौकरियां सृजित होने का अनुमान है।

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