Year Ender 2022: पर्यावरण संरक्षण, सौर ऊर्जा विस्‍तार के साथ जलवायु परिवर्तन मुद्दे बने सुर्खियां, 70 साल बाद हुई चीतों की घर वापसी

Year Ender 2022: देश के पारिस्थितिकीय तंत्र को मजबूत करने और चीतों की आबादी बढ़ाने के मकसद से यहां प्रोजेक्‍ट चीता भी लॉन्‍च किया गया। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर में प्रदूषण ने दस्‍तक दी।

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Year Ender 2022: वर्ष 2022 पर्यावरण के लिहाज से बेहद खास रहा, इस दौरान पर्यावरण संरक्षण, वर्षा जल संचयन से लेकर जैव ऊर्जा फसल की खेती आदि कई मुददों पर काम किया गया। देश के पारिस्थितिकीय तंत्र को मजबूत करने और चीतों की आबादी बढ़ाने के मकसद से यहां प्रोजेक्‍ट चीता भी लॉन्‍च किया गया। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर में प्रदूषण ने दस्‍तक दी।

इस दौरान एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स में गिरावट दर्ज की गई।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी दिल्‍ली और गाजियाबाद में हवा की क्‍वालिटी लगातार खराब श्रेणी में दर्ज की गई।आइए एक झलक डालते हैं साल 2022 में पर्यावरण के क्षेत्र में प्राप्‍त उपलब्धियों और कमियों की।

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Year Ender 2022: पर्यावरण के लिहाज से ये खबरें सालभर बनीं सुर्खियां

जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जल जीवन मिशन के तहत कई योजनाओं को मंजूरी दी गई। करीब 15, 381 करोड़ रुपये से अधिक की पेयजल आपूर्ति की योजनाओं को मिली मंजूरी। ग्रामीण घरों में हर  घर जल सुनिश्चित करना।

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की एक नई रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश की चंबल नदी पर निर्मित गांधी सागर बांध की मरम्‍मत पर जोर दिया। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। गांधी सागर बांध राष्ट्रीय महत्‍व के जलाशयों में से एक है।

इसके कई बार टूटने से राज्‍य के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति।कैग रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि की गई कि देश के 80 फीसदी से अधिक बांध पुराने हैं, जिनकी मरम्‍मत बेहद जरूरी है।

जैव ऊर्जा फसल की खेती- वैज्ञानिकों के अनुसार देश की बारहमासी जैव ऊर्जा फसलों के उत्‍पादन पर जोर देना जरूरी है। इसके अंतर्गत वे फसलें आतीं हैं जिनसे जैव ऊर्जा का उत्‍पादन होता है। इनमें गेहूं, मक्‍का, गन्‍ना और तिलहन प्रमुख है।इनसे कम मात्रा में कार्बनडाइऑक्‍साइड निकलने के कारण ग्रीनहाउस प्रभाव कम करतीं हैं।

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एक्‍वामेशन रहा सुर्खियों में – जनवरी 2022 में नोबेल शांति पुरस्‍कार  विजेता एंग्लिकन आर्कबिशप और रंगभेद विरोधी प्रचारक डेसमंड टूटू का निधन हुआ। वह पर्यावरण प्रेमी थे।

उनके शरीर को एक्‍वामेशन से गुजरना पड़ा, जो श्‍मशान विधियों का एक हरित विकल्‍प था। इस प्रक्रिया में ऊर्जा के इस्‍तेमाल से आग की जरूरत पांच गुना कम होती है। दाह संस्‍‍कार में उत्‍सर्जित गैसों की मात्रा को भी लगभग 35 फीसदी कम कर देता है।

वाहनों से होने वाला उत्‍सर्जन अधिक- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अनुसार वर्ष 2030 तक भारत में कारों की वार्षिक बिक्री मौजूदा 3.5 मिलियन से बढ़कर लगभग 10.5 मिलियन हो जाने का अनुमान है।भारत स्‍टेज-4 बीएस-6 उत्‍सर्जन मानदंडों में बदलाव किया गया।

भारत में वनों की स्थिति – केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से जनवरी के पहले सप्‍ताह में भारतीय वन स्थिति की रिपोर्ट जारी की गई। पिछले दो वर्षों में 1540 वर्ग किलोमीटर के अतिरिक्‍त कवर के साथ देश में वन क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की गई। मैंग्रोव में 17 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि देखी गई। वहीं पूर्वोत्‍तर में वन क्षेत्र में कमी दर्ज की गई।

सौर ऊर्जा – नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष 2030 तक करीब 34, 600 टन से अधिक संचयी सौर अपशिष्‍ट उत्‍पन्‍न कर सकता है। सौर अपशिष्‍ट एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक कचरा होता है, जोकि छोड़े गए सोलर पैनल से निकलता है।इसके निपटान पर जोर दिया गया।

भारत में मल, कीचड़ और सेप्‍टेज प्रबंधन पर जोर- खुले में शौच रोकने, ओडीएफ फ्री करने के साथ ही एसटीएफ बढ़ाने पर जोर दिया गया।

ई-डीएनए के माध्‍यम से जानवरों को ट्रैक करना-पर्यावरणविदों के अनुसार जानवर अपनी सांस, लार, फर या मल के माध्‍यम से पर्यावरण में डीएनए को छोड़ते हैं। इन नमनों को एकत्रित करना ई-डीएनए कहा जाता है।

 घड़ियालों का संरक्षण – जनवरी में ही असम सरकार ने  घड़ियालों के संरक्षण की घोषणा की।

बाघ संरक्षण पर ग्‍लोबल टाइगर समिट का आयोजन किया गया।मालूम हो कि भारत बाघ रेंज वाले देशों के अंतर-सरकारी मंच के संस्‍थापक सदस्‍यों में से एक है। इसमें अन्‍य सदस्‍य देश बांग्‍लादेश, भूटान, कंबोडिया, नेपाल,म्‍यांमार और वियतनाम हैं।
जनवरी में ही सुप्रीम कोर्ट ने एक समर्पित भारतीय पर्यावरण सेवा स्थापित करने के निर्देश दिए।
जनवरी में ही पेरू की सरकार ने तेल रिसाव के बाद क्षतिग्रस्‍त तटीय क्षेत्रों में 90 दिवसीय पर्यावरणीय आपातकाल की घोषणा की।
ज्‍वालामुखी विस्‍फोट से प्रशांत महासागर क्षेत्र के रिंग ऑफ फायर में हजारों फीट तक राख घुल गया।
फरवरी के पहले सप्‍ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा और संसाधन संस्‍थान की ओर से आयोजित विश्‍व सतत विकास शिखर का उदघाटन किया।ये विकासशील देशों के बीच वैश्विक मुददों पर एकमात्र शिखर सम्‍मेलन है।

Year Ender 2022: 70 साल बाद भारत की धरती पर चीतों ने रखे पैर

Year Ender 2022: Project Cheeatah
Year Ender 2022:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 22 को अपने 72वें जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को एमपी के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा। इन चीतों को नामीबिया से प्रोजेक्ट चीता (Project Cheetah) के तहत भारत एक विशेष कार्गो विमान से लाया गया था। चीतों के आते ही लगभग 70 साल से भारत की धरती पर विलुप्त घोषित हुए चीतों को अब फिर से यहां अस्तित्व में लाने की कोशिश हुई। बता दें कि पीएम द्वारा छोड़े गए इन चीतों को एक महीने तक क्वारंटाइन में रखा गयाथा। क्वारंटाइन का समय खत्म होते ही इन चीतों को संरक्षित क्षेत्र में छोड़ दिया गया।

Year Ender 2022: Zero Carbon: भारत ने वर्ष 2070 तक रखा नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य, सेना में भी इलेक्ट्रिकल वाहनों की एंट्री

Year Ender 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार पर्यावरण संरक्षण की बात करते आए हैं। हाल ही पीएम मोदी ने पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। उनका कहना है कि देश का फोकस ‘ग्रीन ग्रोथ’ और ‘ग्रीन जॉब्स’ पर है। मोदी सरकार ने इसके लिए कई कदम भी उठाए हैं और इन कदमों को सफल बनाने में रक्षा मंत्रालय ने भी अपनी ओर से काफी प्रयास किए हैं।

Year Ender 2022: COP 27 सम्‍मेलन में छाया क्‍लाइमेट चेंज का मसला

मिस्र के शर्म-अल-शेख में खत्म हुआ संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP-27) विकासशील देशों के लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया। इस दौरान “हानि और क्षति” निधि (Loss and Damage Fund) नामक ‘ऐतिहासिक’ समझौता हुआ, जिसका मकसद जलवायु आपदाओं के चलते गंभीर रूप से प्रभावित कमजोर देशों के को धन मुहैया कराना है।

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