Smog Tower:दिल्ली में प्रदूषण को रोकने एवं हवा की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए दिल्ली सरकार ने कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर लगाया था।एक अध्ययन के बाद ये बात सामने आई कि इन टावरों की रेंज महज 50 मीटर तक ही है।इस दायरे में स्मॉग टावर 70 से 80 प्रतिशत तक प्रदूषण कम कर रहा है।दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कनॉट प्लेस के बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर लगाए गए स्मॉग टावर का निरीक्षण किया।उन्होंने कहा कि आईआईटी मुंबई की ओर से किए गए सर्वे में ये बात निकलकर सामने आई है, कि इसका प्रभाव 300 मीटर की दूरी तक ही दिखा है।
Smog Tower: आईआईटी के अलावा कई अन्य संस्थान भी कर रहे निगरानी
नई दिल्ली में लगाए गए स्मॉग टावर की निगरानी मुंबई आईआईटी समेत कई अन्य संस्थान भी कर रहे हैं।प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार
तात्कालिक और दीर्घकालिक सभी प्रकार के कदम उठा रही है।इसके लिए लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।स्मॉग टावर की स्थापना पायलट प्रोजेक्ट के तहत की गई है।ऐेसे में बेहद जरूरी हो गया है, स्मॉग टावर का दायरा बढ़ाना। इसके लिए बाकायदा अलग-अलग विभागों के साथ बातचीत की जा रही है।
Smog Tower की लागत में कमी लाने की मांग
पर्यावरण विभाग के अनुसार स्मॉग टावर लगाने में करीब 20 करोड़ रुपये की लागत आई है।इसे दिल्ली में अगर अन्य स्थानों पर भी लगाना है, तो इसकी लागत में कमी लाने पर विचार किया जाना जरूरी है।ऐसे में विभागीय स्तर पर इसके मूल्य को ठीक करने के लिए लगातार कई संस्थाओं से बात की जा रही है।पहले ये माना जा रहा था कि स्मॉग टावर करीब 1 किलोमीटर की रेंज तक हवा को साफ करता है,लेकिन अब महज 300 मीटर के दायरे में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है।
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