शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे’

हरिवंश राय बच्चन भी एक शिक्षक की तरह ही थे, जो लोगों को अपनी कविताओं के माध्यम से जीवन में कभी हार न मानने के लिए प्रेरित करते थे। आज हरिवंश राय बच्चन की पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें दिल से याद कर श्रदांजलि दे रहा है। हरिवंश राय बच्चन को आज भी एक जाने माने हिंदी साहित्यकार के रूप में याद किया जाता है। हिंदी साहित्य में रुचि रखने वाला हर कवि उन्हें अपना आदर्श मानता है। आज वह हमारे बीच में मौजूद नहीं है, लेकिन साहित्य जगत में उनका अनुपम योगदान आज भी उनके हमारे बीच में होने का एहसास कराता है। आज वह जहां भी होंगे लोगों के इस अपार प्यार को देखकर बहुत खुश हो रहे होंगे। सुप्रसिद्ध कवि और लेखक ‘हरिवंश राय बच्चन’ का जन्म 27 नवंबर 1907 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्हें बचपन से ही कविता लिखने में रुचि थी। उन्हें जहां मौका मिलता था। वह लिखना शुरू कर देते थे। हरिवंश राय बच्चन को सबसे ज्यादा प्रसिद्धि 1935 में लिखी गई अपनी रचना  ‘मधुशाला’ से मिली थी। इसके बाद हरिवंश राय बच्चन को साहित्य जगत में उनके नाम से पहचाना जाने लगा था। उनके जन्मदिन पर उनके बेटे और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी उनको याद किया और अपने पिता की पुरानी तस्वीरें भी शेयर कीं।

बताया जाता है कि हरिवंश राय बच्चन को सबसे ज्यादा खुशी तब मिलती थी, जब लोग उन्हें सदी के अभिनायक ‘अमिताभ बच्चन’ के नाम से पुकारते थे। अमिताभ बच्चन अक्सर कहा करते है कि उन्हें अपने पिता की कविताओं से बहुत हिम्मत मिलती है। बुरे वक्त में पिता की यही कविताएं सही राह दिखाती हैं और अच्छे बुरे में पहचान करना सिखाती हैं।

अमिताभ उनके पिता जी की कृति मधुशाला को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। केबीसी के संचालन के दौरान भी वह कई बार मधुशाला की पंक्तियों को गुनगुनाते हैं।

मदिरालय जाने को घर से चलता है पीने वाला
किस पथ से जाऊं असमंजस मे है वो भोलाभाला
अलग
अलग पथ बतलाते सब पर मैं ये बतलाता हूं
राह पकड़ तू एक चला चल पा जाएगा मधुशाला’
मधुशाला की पंक्तियां जिंदगी का असल सार व्यक्त करती हैं। साथ ही हर हाल में मुस्कुराने की प्रेरणा देती है।

Today is the birthday of Harivansh Rai Bachchan‘जो बीत गई सो बात गई

जीवन में एक सितारा था
माना वो बेहद प्यारा था
वो छूट गया तो छूट गया’

हरिवंश राय की जिंदगी का एक बहुत ही दिलचस्प किस्सा है जिसे बिग भी कई बार सभी के साथ शेयर कर चुके हैं। ये बात तब की है जब अमिताभ बच्चन अपनी जिंदगी के बुरे दौर से गुजर रहे थे। परेशानी इतनी ज्यादा थी कि अमिताभ ने हार मान कर अपने पिता से एक बहुत ही अजीब सवाल पूछ लिया था। उन्होंने पूछा- कि उनके पिता ने उन्हें पैदा ही क्यों किया?

अपने बेटे का ऐसा सवाल सुनकर कवि हरिवंश परेशान हो गए थे, लेकिन फिर अपने बेटे के ऐसे अजीब सवाल का जवाब उन्होंने कविता की पंक्तियों से दिया था।

जिंदगी और जमाने की कशमकश से घबराकर, मेरे बेटे मुझसे पूछते हैं कि हमें पैदा क्यों किया था?
और मेरे पास इसके सिवाय कोई जवाब नहीं है कि, मेरे बाप ने मुझसे बिना पूछे मुझे क्यों पैदा किया था?
और मेरे बाप को उनके बाप ने बिना पूछे उन्हें और उनके बाबा को बिना पूछे ,उनके बाप ने उन्हें क्यों पैदा किया था?
जिंदगी और जमाने की कशमकश पहले भी थी, आज भी है शायद ज्यादा कल भी होगी, शायद और ज्यादा…
तुम ही नई लीक रखना, अपने बेटों से पूछकर उन्हें पैदा करना

अपने पिता का जवाब सुनकर बिग बी की आंखे भर आई थी पिता से माफ़ी मांगते हुए उन्होंने जीवन में कभी हार ना मानने का वादा किया। बस उस दिन के बाद से बॉलीवुड शहंशाह ने कभी हार नहीं मानी और न कभी पीछे मुड़कर देखा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here