जब भी किसी लेजेंड का जन्मदिवस या पुण्यतिथि होती है तब गूगल अपने डूडल के जरिए उन्हें याद करता है और श्रद्धांजलि देता है। आज गूगल ने अपना डूडल पहली स्टंटवुमन फियरलेस नाडिया को समर्पित किया है। डूडल का शीर्षक फियरलेस नाडिया का आज 110वां जन्मदिन है। नाडिया ने हिंदी सिनेमा की पहली स्टंटवुमन के जरिए अपनी पहचान बनाई।

फीयरलैस नाडिया का जन्म 8 जनवरी 1908 को पर्थ में हुआ था और अपने जन्म के कुछ वक्त बाद वह अपने परिवार के साथ भारत आ गईं थीं। उनका असली नाम मैरी एन ईवान्स था। उन्होंने सर्कस में काफी वक्त तक काम किया और इस दौरान उन्होंने पूरा भारत घूमा। इनके हैरतअंगेज स्टंट्स देखकर आपको लगेगा ही नहीं कि ये एक महिला थी। 100 साल पहले बिना किसी खास प्रोटेक्शन के नाडिया स्टंट खुद करती थीं। उनका फिल्मी निकनेम ‘हटंरवाली’ था।

साल 1913 में मैरी अपने पिता के साथ ब्रिटिश इंडिया के बॉम्बे शहर में आईं। जब वे 7 साल की थीं तब उनके पिता की विश्व युद्ध के दौरान मौत हो गयी। पिता के निधन के बाद मैरी की फैमिली पेशावर (अब पाकिस्तान में) में रहने लगी। वहां मैरी ने हॉर्सबैक राइडिंग, हंटिंग, फिशिंग और शूटिंग सीखा। कुछ सालों में मैरी को इन सबका बेहतरीन अनुभव हो गया था।

साल 1925 में उन्होंने होमी वाडिया से शादी कर ली और साल 1926 में उन्होंने एक बेटे रॉबर्ट जोन्स को जन्म दिया। इसके बाद साल 1928 में वे बॉम्बे वापस आ गई थीं। बॉम्बे में नाडिया को आर्मी और नेवी के कैंटीन में एक सेल्सगर्ल की जॉब मिल गई। वे शॉर्टहैंड और टाइपिंग सीखना चाहती थीं इससे बेटर नौकरी पाने के लिए, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

नाडिया की पोस्टिंग भी होने लगी और वे आर्मी ऑफिसर्स के ट्रेनिंग सेंटर्स में जाकर स्टंट भी सीखने लगी। इसके बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी और थिएटर करने लगीं। इसके बाद साल 1930 में उन्होंने जार्को सरकस ज्वाइन कर लिया। इसके बाद उन्होंने Jamshed “J.B.H.” Wadia को हिंदी फिल्म्स के द्वारा इंट्रोड्यूज कराया, जो वाडिया मूवीटोन के फाउंडर थे। उन्होंने बहुत सी फिल्मों में स्टंट किया बॉडी डबल के तौर पर उस समय खास तकनीकों के बिना ही वे ऐसा करती थीं। इसलिए उनका नाम फियरलेस नाडिया पड़ा।

नाडिया ने देश दीपक और नूर-ए-यमन जैसी फिल्मों में काम भी किया, लेकिन सबसे ज्यादा लोकप्रियता उन्हें साल 1935 में आई फिल्म हंटरवालीसे मिली। इस फिल्म को उनके पति होमी ने निर्देशित किया था। नाडिया को इस फिल्म के बाद से भारत की स्टंट क्वीन कहा जाने लगा और वे हंटरवाली के नाम से भी लोकप्रियता बटोरने लगीं। फियरलेस नादिया ने अपनी आखिरी सांस 9 जनवरी, 1996 को मुंबई में ली। अपने काम और फिल्मों के जरिए वे हमेशा हिंदी सिनेमा के इतिहास में दर्ज रहेंगी।

आपको बता दें साल 2017 में आई निर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्म रंगून में कंगना रनौत द्वारा निभाया गया किरदार नाडिया के किरदार से ही प्रेरित था।

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