लंबे समय से बीमार चल रहे मशहूर फिल्म अभिनेता कादर खान का 81 की उम्र में निधन हो गया है। कादर लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके बेटे सरफराज खान ने निधन की पुष्टि की है। कनाडा के एक अस्पताल में कादर खान ने अंतिम सांस ली, और मौत की खबर से बॉलीवुड सदमे में है।

कादर खान के बेटे सरफराज ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि कनाडा के समयानुसार 31 दिसंबर को शाम 6 बजे उनका निधन हुआ। उनका अंतिम संस्कार कनाडा में ही किया जाएगा। कादर खान की मौत की खबर तब आई है जब कई दिनों से मीडिया में उनकी मौत की खबर चल रही थी। खान के बेटे सरफराज ने इन खबरों को अफवाह करार दिया था और बताया था कि फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।

बता दें कि बॉलीवुड में अपने बेहतरीन अदाकारी और शानदार डायलॉग से लोहा मनवाने वाले मशहूर एक्टर कादर खान की हालत पिछले कुछ दिनों से नाजुक बनी हुई थी। खराब स्वास्थ्य के चलते उन्हें अस्पताल में बाइपेप(BiPAP) वेंटीलेटर पर रखा गया था। कादर खान 81 साल की उम्र में प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर(पीएसपी) के शिकार हो गए थे जिसके कारण उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था।

खान का जन्म 22 अक्टूबर 1937 में अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था। अपने 43 वर्ष के फिल्मी कैरियर में उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया और लगभग 250 फिल्मों के संवाद लिखे। वह सहनायक, खलनायक, हास्य अभिनेता और चरित्र अभिनेता हर किस्म की भूमिका में खुद को पूरी तरह ढाल लेते थे।

उन्होंने 1970 और 1980 के दशक में कई फिल्मों में पटकथा एवं संवाद लेखन किया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। वर्ष 1974 में प्रदर्शित फिल्म ‘सगीना’ से उन्होंने हिंदी सिनेमा जगत में कदम रखा लेकिन इससे उन्हें कोई खास लाभ नहीं मिला और वह फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिये संघर्ष करते रहे। इसके बाद उन्होंने दिल दीवाना, बेनाम, उमर कैद, अनाड़ी, बैराग, खून पसीना, परवरिश, मुकद्दर का सिकंदर, मिस्टर नटवर लाल, सुहाग, अब्दुल्ला, दो और दो पांच, कुर्बानी, याराना. बुलंदी और नसीब जैसी कई फिल्में की।

इन फिल्मों की सफलता के बाद कादर खान फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गये। वह फिल्मों में कैरियर बनाने से पहले सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाते थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here