16 साल बाद अपने अवॉर्ड समारोह में न जाने की परम्परा को तोड़ते हुए बॉलीवुड एक्टर आमिर खान एक अवॉर्ड समारोह में शिरकत करने पहुंचे। उनका किसी अवॉर्ड समारोह में पहुंचना चर्चा का विषय बनना लाजमी था। मगर खास बात यह रही कि आमिर न सिर्फ समारोह में पधारे बल्कि पुरस्कार भी स्वीकार किया।

दरअसल, पिछले 16 साल से आमिर खान न तो किसी अवॉर्ड शो में जाते थे और न ही कोई पुरस्कार ग्रहण करते थे। आमिर खान, भारत रत्‍न लता मंगेशकर के परिवार द्वारा संचालित 75वें दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में पधारे और सबसे ज्यादा दिलचस्प था यह पुरस्कार उनको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के हाथों से मिलना, क्योंकि 2015 में आमिर खान और मोहन भागवत असहिष्णुता के एक बयान पर आमने सामने थे। आमिर खान ने असहिष्णुता के मुद्दे पर डर का माहौल बताते हुए पत्नी किरण राव के देश छोड़ने वाला बयान दिया था। जिसपर उनको मोहन भागवत समेत कई संघ के नेताओं का भारी विरोध झेलना पड़ा था।

क्यों टूटी 16 साल की परम्परा-

मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की यह परम्परा तोड़ने का कारण कोई और नहीं बल्कि स्वर कोकिला लता मंगेशकर हैं। लता जी के कहने पर ही आमिर खान समारोह में आए थे। लता मंगेशकर को पूरा विश्वास था कि अगर वह आमिर खान से कार्यक्रम में शिरकत होने को कहेंगी तो आमिर खान उनकी बात नहीं टाल पाएंगे और हुआ भी कुछ ऐसा ही आमिर खान ने लता जी के कहने से अपनी 16 साल की प्रतिज्ञा तोड़ दी।

आमिर खान को उनकी फिल्म दंगल के लिए पुरस्कृत किया गया। आमिर खान के अलावा दिग्गज क्रिकेटर कपिल देव को क्रिकेट जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए और अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री वैजयंती माला को हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में उनकी विशेष उपलब्धि के लिए मास्टर दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
लता परिवार द्वारा हर साल उनके पिता की पुण्यतिथि पर पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाता है और उनके सम्मान में अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम करने वालों को सम्मानित किया जाता हैं जिसमें संगीत क्षेत्र, समाज सेवा, नाटक, साहित्य और सिनेमा के क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल होते हैं।

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