नोटबंदी के बाद शुरू हुई नगदी की किल्लत अब दूर हो रही है। बचत खाताधारक अब अपने खाते से एक हफ्ते में 50 हज़ार रूपए तक निकाल सकते हैं। रिज़र्व बैंक ने 8 फरवरी को नोटबंदी के बाद बड़ी राहत देते हुए 50 हज़ार तक की निकासी को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही रिज़र्व बैंक ने सेविंग अकाउंट से पैसे निकालने पर नोटबंदी के बाद से लगी पाबंदी भी 13 मार्च से पूरी तरह खत्म करने की बात भी कही थी। इस फैसले के बाद  खाता धारक अपने खाते से जितनी चाहें उतनी राशि निकाल सकेंगे। करंट अकाउंट, ओवरड्राफ्ट और कैश क्रेडिट खातों से निकासी की सीमा 30 जनवरी को ही हटा ली गई थी। एक फरवरी से एटीएम से निकासी की सीमा भी हट गई थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को देश के नाम संबोधन के बाद 1000 और 500 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध लग गया था। इसके बाद खातों से निकासी पर सीमा तय की गई थी। इस दौरान एटीएम से पैसे निकालने की अधिकतम सीमा 2,500 रुपए रखी गई थी। इसे बाद में बढ़ाकर 4,500 रुपए कर दिया गया था। 1 जनवरी से आरबीआई ने एटीएम से पैसे निकालने की सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपए और करंट अकाउंट से निकासी की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया था।

नोटबंदी के बाद से नगदी के लिए परेशानी झेल रहे लोगों के लिए रिज़र्व बैंक की तरफ से यह राहत भरी  खबर है। नोटबंदी के फैसले से जहाँ आम नागरिकों को बैंक और एटीएम की लाइन में काफी जूझना पड़ा था। वहीँ केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर लगातार रही थी। शादी सहित बिमारियों के इलाज में इस दौरान काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा था। लाइन में लगे कई लोगों की मौत भी नोटबंदी के दौरान हो गई थी।

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