नोटबंदी और जीएसटी का असर सिर्फ आम जनता पर ही नहीं पड़ा है बल्कि इसके दायरे में कॉरपोरेट घराने भी आए हैं। जी हां, उद्योग मंडल एसोचैम के एक सर्वे के मुताबिक कॉर्पोरेट जगत ने इस साल दीवाली के तोहफों का बजट 35 से 40 प्रतिशत तक कम कर दिया है। इस सर्वे के बाद हो सकता है कि कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों का यह कथन गलत साबित हो जाए कि नोटबंदी और जीएसटी अमीरों को लाभ पहुंचाने के लिए है। नोटबंदी और जीएसटी के बाद कई कंपनियों की मुसीबतें बढ़ी हैं। साथ ही कई कंपनियों को अपने कई कर्मचारियों को हटाना भी पड़ा है।

एसोचैम ने कहा कि कॉर्पोरेट घरानों की ओर से उनके असोसिएट्स, पार्टनर्स, एंप्लॉयीज और अन्य खास लोगों को दिए जानेवाले उपहारों में इस बार कमी की गई है। सर्वे में कहा गया कि कॉर्पोरेट में काम करनेवाले कर्मचारियों के बोनस पर भी असर हुआ है क्योंकि कई कंपनियां कर्ज में डूबी हैं और वे खर्च कम करने के उपाय लागू कर रही हैं।

बता दें कि नोटबंदी के तुरंत बाद ही जीएसटी लागू कर दिया गया। इससे छोटे से लेकर बड़े से बड़े व्यापारियों में खलबली मच गई थी। जीएसटी लागू होने के बाद कई चीजें महंगी हुईं तो कई चीजें सस्ती। कंपनी को भी अपना हिसाब-किताब एक नए तरीके से शुरू करना पड़ा। नोटबंदी और जीएसटी के बाद वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, ओवन, इलेक्ट्रिक स्टोव और ऐसे ही अन्य उत्पाद बेचनेवाली कंपनियों की बिक्री कम हुई है। हाई ऐंड स्मार्ट फोन की बिक्री पर भी असर हुआ है। एसोचैम ने यह सर्वे मेट्रो सिटीज में की। कुल लगभग साढ़े सात सौ कंपनियों में यह सर्वे करके एसोचैम ने यह परिणाम निकाला।

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