सरकार के नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले पर अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत सरकार को एक सलाह दी है। आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर पॉल ए कैशिन ने कहा कि नोटबंदी ने नकदी को वैक्यूम क्लीनर की तरह सोख लिया है। जिससे भारत में नकदी की गंभीर समस्या पैदा हो गई है। इस समस्या से पार पाने के लिए भारत सरकार को नए नोटों के चलन में और तेजी लाने की जरूरत है।

आईएमएफ अधिकारी द्वारा कही गई अहम बातें:-

  1. नोटबंदी ने नकदी को सोख लिया है और अब वैक्यूम क्लीनर उल्टा चलकर धीमी गति से नकदी को बदल रहा है।
  2. नकदी संकट पैदा होने की वजह से उपभोग पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
  3. भारतीय बाजार में नकदी की समस्या को देखते हुए आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार से नए बैंक नोटों को अर्थव्यवस्था में डालने का काम तेजी से करने को कहा है।
  4. आईएमएफ ने सरकार को सलाह दी कि अगर जरूरत पड़ी तो लोगों को कुछ अस्थाई छूट देनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में पुराने नोट के इस्तेमाल की अनुमति जैसे कदम उठाए जाने चाहिए।
  5. आईएमएफ अधिकारी ने कहा कि नोटबंदी तक भारत में खपत व्यय काफी बेहतर था।

OO IMFआईएमएफ के अधिकारी ने कहा कि अगर वैश्र्विक अर्थव्यवस्था को झटका लगता है तो भारत पर इसका असर नहीं पड़ेगा या कम पड़ेगा। वैश्र्विक अर्थव्यवस्था से भारत पर पड़ने वाला असर अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी कम होगा। उन्होंने कहा कि भारत में घरेलू मांग की प्रमुखता वाली अर्थव्यवस्था है। कैशिन के अनुसार यही वजह है कि वैश्र्विक अर्थव्यवस्था के संकट का असर भारत पर कम होगा।

आपको बता दें कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नोटबंदी का एक अहम फैसला लिया गया। इस फैसले के बाद लोगों को कैश की कमी के कारण काफी परेशानियां झेलनी पड़ी। हालांकि अब आरबीआई ने कैश निकालने की पाबंदी को खत्म कर दिया है और देश में नकदी की समस्या धीरे-धीरे कम हो रही है।

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