स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से वेदिका को नहीं बचा पाया 16 करोड़ का इंजेक्शन, लाखों दुवाओं का भी नहीं हुआ कोई असर

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वेदिका शिंदे एक मासूम सी बच्ची अब इस दुनिया में नहीं रही। अपने माता – पिता की जान से ज्यादा प्यारी वेदिका ने 1 अगस्त को दुनिया को अलविदा कह दिया। 11 महीने की बच्ची को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी की बीमारी थी।

वेदिका के माता पिता को डेढ़ महीने ही पता चला था कि उनकी बच्ची स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी जैसी भयंकर बीमारी से पीड़ित है। बच्ची की जान केवल 16 करोड़ के इंजेक्शन से बच सकती थी। माता पिता ने क्राउड फंडिंग के जरिए 16 करोड़ जमा किया और अमेरिका से इंजेक्शन मंगा लिया लेकिन फिर भी वेदिका को ईश्वर ने अपने पास बुला लिया।

सोशल मीडिया पर इस बच्ची के लिए लोग लाखों दुआएं कर रहे थे। पर किसी की दुआ को भगवान ने कबूल नहीं किया। वेदिका के पिता सौरभ शिंदे ने बताया कि हमने बेटी को इंजेक्शन लगवा दिया था और उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार भी हो रहा था लेकिन रविवार (1 अगस्त) को उसका ऑक्सीजन लेवल अचानक गिर गया और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी, तभी उसे पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इस दौरान ही उसकी मौत हो गई।

वेदिका का इलाज पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में शुरू किया। पूरे देश की आर्थिक मदद से उसे 15 जून को 16 करोड़ का इंजेक्शन लगाया गया और 16 जून को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। वेदिका अब हमारे बीच नहीं है।

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