यह धरती सिर्फ इंसानों के लिए नहीं बनी है बल्कि हर तरह के जीव जंतूओं का भी पृथ्वी पर हक है। कई तरह के पेड़- पौधे और जानवर धरती पर सांस ले रहे हैं इनकी रक्षा करना इंसानों की ही जिम्मेदारी है लेकिन ऐसा होता नहीं है लोग अपनी खुशी के लिए इन्हें यहां से गायब कर रहे हैं। इंसानों को जानवरों के प्रति जागरुक करने के लिए कई तरह के दिवस मनाए जाते हैं। इन्हीं में से है #WorldLionDay

आज विश्व शेर दिवस है। इस दिन की शुरूआत साल 2013 में हुई थी। तब से लेकर अब तक 10 अगस्त को हर साल विश्व शेर दिवस मनाया जाता है।

इस दिन शेरों को लेकर लोगों के मन में जागरूकता बढ़ाने और शेरों की घटती आबादी और संरक्षण पर जोर दिया जाता है। दुनियाभर में शेरों की आबादी घट रही है।

लोगों को 10 अगस्त के दिन शिक्षित किया जाता है कि शेरों को बचाने के लिए मूहिम चलाएं। बता दें कि इस दिन का थीम भी होता है। इस साल का थीम History and Important Unknown Facts (इतिहास और महत्वपूर्ण अज्ञात तथ्य) है।

शेरों की कई तरह की प्रजातियां होती हैं। इसमें -उत्तर पूर्व कांगो शेर, अफ्रीकी शेरनी, कटंगा सिंह यानी दक्षिण, पश्चिम अफ्रीकी शेर, सफेद शेर यानी क्रूगर उप, प्रजाति का उत्परिवर्तन, मसाई शेर या सेरेन्गेटी शेर, एशियाई शेर, एबिसिनिया शेर, पश्चिम अफ्रीकी शेर या सेनेगल शेर, सोमाली शेर, कालाहारी शेर शामलि है।

शेर को लेकर कई रोचक बातें भी हैं जो बहुत ही कम लोग जानते हैं। एक शेर का वजन 190 किलों होता है वहीं शेरनी का वजन 130 किलो होता है।

जहां शेर होता है वहां से उसके दहाड़ की आवाज 8 किलोमीटर तक सुनाई देता है। वहीं सुनने में अक्सर यही लगता है कि सबसे अधिक शिकार शेर ही करते हैं लेकिन 90 फीसदी शिकार शेरनियां ही करती हैं।

सबसे दुखद बात यह है कि एक शेर की उम्र 16 से 20 साल की होती है उसके बाद वह दुनिया को अलविदा कह देते हैं। वहीं दो हजार साल पहले धरती पर 10 लाख से अधिक शेर हुआ करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है।

विश्व शेर दिवस पर देश के राजनेताओं ने ट्वीट कर लोगों को शेर के संरक्षण के प्रति जागरुक किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि, “शेर राजसी और साहसी होते हैं। भारत को एशियाई शेरों का घर होने पर गर्व है। विश्व शेर दिवस पर मैं उन सभी को बधाई देता हूं जो इसके संरक्षण को लेकर गंभीर हैं। आपको यह जानकर खुशी होगी कि पिछले कुछ सालों में भारत में शेरों की आबादी में धीमे-धीमे वृद्धि देखी गई है।’’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने भी विश्व शेर दिवस की बधाई दी है। उन्होंने कहा, ”विश्व शेर दिवस की सभी पशु प्रेमियों एवं शेर संरक्षण के प्रति उत्साही जनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।  आइए, आज हम सभी साहस, सामर्थ्य, गति और शक्ति के प्रतीक ‘शेर’ प्रजाति के संरक्षण हेतु संकल्पित होकर ‘विश्व शेर दिवस’ को सार्थक व सफल बनाएं।”

मई 2015 की गणना के अनुसार गिर में एशियाई शेरों की संख्या 523 थी। 2010 से 2015 के बीच इनकी संख्या में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हर पांच साल में शेरों की गणना होती है लेकिन लॉकडाउन के कारण यह इस बार नहीं हो पाया।

साल 1969 में वन्यजीव बोर्ड ने शेर को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया था। 1972 में भारत के उस दौर के राष्ट्रीय पशु सिंह यानी शेर की जगह रॉयल बंगाल टाइगर ने ले ली थी। लेकिन साल 1972 तक शेर ही भारत देश का राष्ट्रीय पशु हुआ करता था। तब से राष्ट्रीय पशु बाघ है।

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