पाक की राजधानी इस्लामाबाद में एक इस्लामी संगठन के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इस बीच अपनी नाकामी को छिपाने के लिए अब पाकिस्तान ने अपना पुराना प्रोपेगेंडा अपनाया है। पाकिस्तान को अपने घर में लगी आग के पीछे हिंदुस्तान का हाथ नजर आ रहा है। आंतरिक मामलों के मंत्री अहसान इकबाल ने दावा किया कि इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन कर रहे कट्टरपंथी धार्मिक समूहों ने भारत से संपर्क किया था और अब सरकार इस बात की जांच कर रही है कि भारत ने ऐसा क्यों किया।

दरअसल इस्लामाबाद में पिछले दो हफ्ते से तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह के कार्यकर्ता इस्लामाबाद एक्सप्रेस वे पर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी इलेक्शन एक्ट में खत्म-ए-नबुव्वत में किए गए बदलावों को लेकर कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को हटा ना पाने को लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाई थी, जिसके बाद शनिवार को जब इन प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की गई तो हिंसा भड़क उठी।

प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया जिसके जवाब में उन्होंने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इससे  200 से अधिक लोग घायल हो गए, जिसमें 95 सुरक्षाकर्मी भी बताए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की तैनाती के लिए सांविधिक नियामक आदेश (एसआरओ) जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि इस्लामाबाद में शांति कायम करने के वास्ते अनिश्चित काल के लिए सेना की तैनाती की जाएगी। संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत स्थिति नियंत्रण में करने को लेकर सेना की तैनाती की गयी है।

हालांकि शनिवार रात सुरक्षाबलों ने कार्रवाई रोक दी और इस्लामाबाद में कानून-व्यवस्था को सामान्य बनाने के लिए सेना को बुला लिया। बताया गया है कि सेना को शहर में स्थित, संसद भवन, राष्ट्रपति और पीएम आवास, विदेशी मिशनों जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के गृह मंत्री अहसान इकबाल का दावा है कि राष्ट्रीय राजधानी में एकत्र हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी साधारण लोग नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम देख सकते हैं कि उनके पास विभिन्न संसाधन हैं। उन्होंने आंसू गैस के गोले (सुरक्षा बलों पर) दागे हैं। उन्होंने अपने प्रदर्शन की निगरानी कर रहे कैमरों के फाइबर ऑप्टिक केबल भी काट दिए।’’ इकबाल का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने भारत से भी संपर्क किया था और अब इसकी जांच की जाएगी।

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