सात मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध लगाने वाले डोनाल्ड ट्रंप अपनी विदेश यात्रा की शुरुआत सऊदी अरब से करेंगे। वह अगले हफ्ते सऊदी अरब जाएंगे। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच.आर.मैकमास्टर ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं को बताया कि ट्रंप इस यात्रा में 50 से अधिक मुस्लिम देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे। मैकमास्टर ने कहा कि ट्रंप मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ कई मसलों पर बातचीत करेंगे जिसमें कट्टरपंथी विचारधारा से निपटने का मसला मुख्य है। साथ ही वह कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए आयोजित एक समारोह में भी भाग लेंगे।

मैकमास्टर ने बताया कि ट्रंप खाड़ी देशों के नेताओं से भी मिलेंगे। सऊदी अरब में वह अपनी उम्मीदों पर प्रत्यक्ष और प्रेरणादायक भाषण देकर यरूशलम जाएंगे और वहां वह इजरायल के राष्ट्रपति रूवन रिवलिन और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्‍याहू से मिलेंगे। फिर वह बेथलेहम के लिए रवाना होंगे जहां वह फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात करेंगे। साथ ही वहां के क्षेत्रों में हो रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए वह वहां के नेताओं को संबोधित करेंगे।

जैसा कि मालूम है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही सात मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध लगा दिया था। वजह के रूप में उन्होंने कहा था कि इन सात देशों में आंतरिक और ब्राह्य आतंकवाद का जन्म हो रहा है और ये देश अमेरिकी सुरक्षा दृष्टि से उचित नहीं है इसलिए यहां के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। ट्रंप के इस कदम के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोलाहल मच गया था जिसमें बुद्धिजीवी और जानकार बता रहे थे कि अमेरिका का इन देशों से चूंकि कोई व्यापार समझौता नहीं है इसलिए उसने ऐसा किया जबकि सऊदी अरब,इजरायल,फलिस्तीन पर उसने प्रतिबंध नहीं लगाया। इस यात्रा की और कितनी तस्वीर हो सकती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

हालांकि इन मुलाकातों पर पूरी दुनिया की नजर है क्योंकि दुनिया का एक शक्तिशाली देश का नेता भ्रमण पर निकलेगा, अब इस यात्रा का परिणाम भारत सहित अन्य देशों पर क्या पड़ेगा, यह तो ट्रम्प की यात्रा के बाद ही पता लगेगा।

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