हम नहीं जानते कि तालिबान (Taliban) का भविष्य क्या है, लेकिन मैं आपको व्यक्तिगत अनुभव से बता सकता हूं कि यह अतीत से एक क्रूर समूह है और क्या वे बदलते हैं या नहीं, यह देखा जाना बाकी है। ये बातें Joint US Chiefs of Staff Chairman General Mark Milley ने पेंटागन संवाददाता सम्मेलन में कही।

रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) ने कहा कि अमेरिका तालिबान के साथ “बहुत ही संकीर्ण मुद्दों” पर काम कर रहा था और यह केवल अधिक से अधिक लोगों को वहां से बाहर निकालने के लिए था। मैं व्यापक मुद्दों पर बात नहीं करूंगा, हमारे सैनिकों ने अब तक जो किया मुझे उस पर बहुत गर्व है। निकासी मिशन के बारे में जनरल मिले ने कहा कि अमेरिका ने वहां 5,000 से 6,000 सैन्य कर्मियों को तैनात किया है। उन्होंने कहा, हमने 387 अमेरिकी सैन्य सी-17 और सी-130 उड़ानें भरीं और हमने 391 गैर-अमेरिकी सैन्य उड़ानों को मदद की।

कुल 1,24,334 लोगों को निकाला गया

कुल 1,24,334 लोगों को वहां से निकाला, जिसमें लगभग 6,000 अमेरिकी नागरिक, अन्य देशों के नागरिक और अफगानी शामिल थे। हम अमेरिकी नागरिकों को निकालना जारी रखेंगे, क्योंकि यह मिशन अब एक सैन्य मिशन से एक राजनयिक मिशन में परिवर्तित हो गया है। इस मिशन में 11 मरीन, एक सैनिक और एक नौसेना कोरमैन की जान चली गई और 22 अन्य कार्रवाई में घायल हो गए। मिले ने कहा कि 26 अगस्त को काबुल हवाईअड्डे की दक्षिण-पूर्वी परिधि गेट पर भीषण आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए, इनमें से अफगानियों के अलावा अन्य भी शामिल थे।

हार से सिखेगा अमेरिका

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हमारा सैन्य मिशन अब समाप्त हो गया है, अफगानिस्तान में इस स्थिमें हम कैसे पहुंचे इसका विश्लेषण और अध्ययन आने वाले वर्षों में किया जाएगा ।

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