आईटी इंडस्ट्री के लिए अमेरिका के नए नियमो ने परेशानी खड़ी कर दी है। अमेरिका ने इस साल से एच-1बी वीज़ा की संख्या ना सिर्फ घटाई है साथ ही नियम भी कड़े कर दिए है। जिसके तहत अब अमेरिकी डिग्री वालों को प्रथामिकता मिलेगी।
इस पर नैस्कॉम का कहना है कि अभी नए वीजा नियमों का अध्य्यन कर रहे हैं। इससे अमेरिकी कंपनियों पर असर पड़ेगा। ट्रंप सरकार ने शुक्रवार को एच-1बी वीजा आवेदन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने का प्रस्ताव किया था।
नये नियम के तहत एच-1 बी वीचा चाहने वाली कंपनियों को पहले से अपनी अर्जी इलेक्ट्रॉनिक रूप में पंजीकृत करने की जरुरत होगी। जिसका उद्देश्य इस लोकप्रिय वीजा को अत्याधिक कुशल और ऊंची पगार वाले विदेशी श्रमिकों को देना है।
नैस्कॉम ने कहा, “अभी और अप्रैल 2019 में खुलने वाले एच-1 बी वीजा के अगले लौटरी के बीच ज्यादा समय नहीं है। कंपनियों ने पहले ही अपनी जरुरतों का आकलन शुरू कर चुकी हैं और अगले साल के लिये आवेदन जमा करने की तैयारी कर रही है।
इसलिये हम उन अनिश्चितताओं के बारे में चिंतित हैं, जो कि सरकार के एच-1बी प्रक्रिया में एक और बड़ा परिवर्तन लागू करने के कारण उत्पन्न हो सकती है।”
उसने कहा कि वह टिप्पणी जमा करने से पहले प्रस्ताव की समीक्षा करेगा और प्रकिया की निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिये अन्य जरुरी कदम उठायेगा।