भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन दौरे से वापस आते ही भारत को एक अल्टीमेटम दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने भारत पर तीखी बयानबाजी करते हुए कहा है कि भारत को 15 मार्च तक अपनी सेना को मालदीव की जमीन से हटाना होगा। मोहम्मद मुइज्जू की छवि चीनी समर्थक के रूप में देखी जाती है, ऐसे में विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय सेना को हटाने की मांग को दोहराना उनके चीन के साथ नजदीकी को दिखाता है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को मालदीव से हटाने की मांग को दोहराया है। भारतीय सेना के जावानों को मालदीव छोड़ने के लिए उन्होंने 15 मार्च 2024 तक का अल्टीमेटम दिया है। बता दें कि करीब 2 महीने पहले भी मालदीव की ओर से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मालदीव में 88 भारतीय सैनिक फिलहाल मौजूद हैं।
मालदीव राष्ट्रपति का चीनी प्रेम किसी से छुपा नहीं है, भारत से मालदीव के रिश्तों के बिगड़ने में एक अहम कारण मालदीव की चीन से नजदीकी को माना जाता है। कल यानी शनिवार को भी मोहम्मद मुइज्जू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इनडायरेक्टली (भारत का नाम लिए बिना) कहा था, “हम छोटे हो सकते हैं लेकिन इससे उनको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है…”
भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए प्रशासनिक नीति का दिया हवाला
सनऑनलाइन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति कार्यालय में पब्लिक पॉलिसी सेक्रेटरी अब्दुल्ला नाज़िम इब्राहिम ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत को 15 मार्च तक अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने को कहा है। भारतीय सैनिकों को मालदीव से हटाने के लिए नाजिम ने मालदीव सरकार की पॉलिसी का हवाला देते हुए कहा कि यह राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और उनकी प्रशासनिक नीति है।
बता दें कि कुछ ही समय पहले मोहम्मद मुइज्जू सरकार के तीन नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी। भारत के लोगों, लक्षद्वीप और पीएम के बारे में विवादित टिप्पणी करने पर भारत में मालदीव का जमकर बॉयकाट हुआ था। जिसके बाद मालदीव सरकार ने तीनों नेताओं को सस्पेन्ड कर दिया था, खबरें तो यहां तक आने लगी थी कि विपक्ष मुइज्जू सरकार के तख्तापलट की तैयारी करने लगा था।
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