रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में हो रहे एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि ”अफगानिस्तान और नॉर्दर्न पार्ट्स से ऐसी कई रिपोर्ट आ रही हैं, जहां मैंने तस्वीरों में देखा कि लोगों के शरीर पर चकत्ते हैं। वो किसी तरह के केमिकल हथियार का शिकार नज़र आ रहे हैं। ये तस्वीरें हैरान करने वाली थीं।” उन्होंने कहा कि ”देश पर न्यूक्लियर, केमिकल या बॉयोलॉजिकल हमले का खतरा हो या न हो, लेकिन भविष्य में किसी भी आशंका से निपटने के लिए देश पूरी तरह से तैयार है।

बता दें कि 17 फरवरी को पेशावर के पास शाहबाज कलंदर की दरगाह  पर फिदायीन हमला हुआ था। हमले में 100 लोगों की मौत और 250 से ज्यादा घायल हुए थे। हमले के बाद पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ आंखे टेढ़ी कर ली है। हमले से बौखलाया पाकिस्तान सैकड़ों आतंकियों को ढेर कर चुका है। वैसे तो हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली थी, लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि इस हमले को अफगानिस्तान के जमात-उल-अहरार समूह ने अंजाम दिया था। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को 76 मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की सूची सौंपकर तुरंत हवाले करने को कहा। अफगानिस्तान ने अब तक पाकिस्तान को कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद ही पाकिस्तान ने हमले की तैयारी कर ली थी।

गुरुवार को ही डीआरडीओ द्वारा बनाया गया एक खास हथियार लोकेटिंग रडार (डब्ल्यूएलआर) इंडियन आर्मी को मिला है। जिसका नाम “स्वाती” रखा गया है इसके अलावा डीआरडीओ ने सेना को एक न्यूक्लियर, बॉयोलॉजिकल और केमिकल (एनबीसी) रेकी व्हीकल और एनबीसी ट्रीटमेंट ड्रग्स‍ भी सेना को सौंपा है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि डब्ल्यूएलआर को दूसरे देशों को तब दिया जाएगा जब सेना की जरूरतें पूरी हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि स्वाती ने उस समय अपना काम सही से किया है जब एलओसी पर किसी तरह की हैवी फायरिंग नहीं हो रही थी।

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