चीन ने अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है। चीनी स्पेसक्राफ्ट चांद के उस दूर-दारज के हिस्से पर उतरा है जहां आज तक कोई नहीं जा पाया है। ये तेज़ी से उभरते चीनी स्पेस उद्योग के लिए एक और रिकॉर्ड स्थापित करने जैसा है। चांद के जिस हिस्से पर चीन पहुंता है वो धरती के उल्टे हिस्से पर होने की वजह से कभी भी यहां से दिखाई नहीं देता है। इसी वजह से इस चांद का डार्क साइड यानी अंधकारमय हिस्सा कहा जाता है।
Big breakthrough: China’s Chang’e-4 probe soft-landed on the moon’s uncharted side never visible from Earth, getting its first image pic.twitter.com/8FEjXFmLi3
— China Xinhua News (@XHNews) January 3, 2019
चांद की खोज करने निकले चांग 4 की ओर से सुबह 11:40 बजे ली गई एक फोटो ऑनलाइन पोस्ट की गई, जिसमें एक छोटा गड्ढा और एक बंजर सतह दिखाई दे रही है। यहां की सतह खोज के लिए जल रही एक रोशन से रोशन दिखाई दे रही है। चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन ने कहा कि चांग 4 ने सुबह 10:26 मिनट पर सतह को छुआ था। लैंडिंग की घोषणा स्टेट मीडिया चाइना सेंट्रल टेलीविज़न ने अपने दोपहर के समाचार प्रसारण के टॉप के समाचार में की थी।
लैंडिंग एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को दिखाता है। 2013 में चांग- 3 जो कि वर्तमान मिशन में इसके पहले का विमान था, उसने 1976 में तत्कालीन सोवियत संघ के लूना- 24 के बाद पहली चांद लैंडिंग की थी।
बता दें कि अमेरिका एकमात्र अन्य देश है जिसने चांद पर सफल लैंडिंग को अंजाम दिया है।रोवर ले जाने वाले चांग- 4 के कामों में खगोलीय खोज करने और इलाके की संरचना और खनिज संरचना की जांच करना शामिल है।
मिशन के प्रवक्ता यू गुओबिन ने कहा, कि “मून का ये हिस्सा दुर्लभ और शांत है और ये धरती के रेडियो सिग्नल के संपर्क से मुक्त है। यह जांच रेडियो खगोल विज्ञान में लो फ्रीक्वेंसी निगरानी के अंतराल को कम कर सकती है और सितारों और नेबुला विकास की उत्पत्ति का अध्ययन करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगी।” चांद के इस हिस्से में खोज करने के साथ एक बड़ी दिक्कत पृथ्वी से संपर्क साधना है। चीन ने इसके लिए पिछले साल मई में एक रिले सेटेलाइट लॉन्च किया था जिससे धरती तक जानकारी पहुंचाई जा सके।
चीन अगले साल चांग- 5 को चांद पर भेजने और इसे चांद पर मौजूद सैंपल के साथ धरती पर वापस लाने की योजना बना रहा है। अगर ऐसा हुआ तो 1976 में सोवियत के एक ऐसे ही मिशन के बाद ऐसा पहली बार होगा।