प्रधान सलाहकार का इस्तीफा, चुनाव में कैप्टन की बढ़ी मुश्किलें

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ‘प्रधान सलाहकार’ पद से इस्तीफा दे दिया है. प्रशांत किशोर इसी साल सीएम अमरिंदर के ‘प्रधान सलाहकार’ के रूप में नियुक्त हुए थे. पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे. प्रशांत किशोर ने साल 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी.

राजनीति रणनीतिकार प्रशांत किशोर का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार पद से इस्तीफा देना कैप्टन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल, 2022 को लेकर मु्ख्यमंत्री पीके पर बहुत भरोसा कर रहे थे, क्योंकि पीके ही थे जिन्होंने 2017 में कांग्रेस की जीत में न सिर्फ अहम भूमिका अदा की थी, बल्कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की चल रही आंधी को भी रोक दिया था।

कैप्टन ने 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पीके को 1 मार्च को अपना प्रधान सलाहकार नियुक्त करके कैबिनेट रैंक दिया था। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही पीके को लेकर पंजाब में संशय बना हुआ था, क्योंकि पीके ने किसी भी राजनीतिक पार्टी की रणनीति बनाने से इन्कार कर दिया था।

पीके का इस्तीफा इसलिए भी कैप्टन के लिए झटका माना जा रहा है, क्योंकि पंजाब में पहले ही कांग्रेस की राजनीति कैप्टन और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच में बंटती हुई नजर आ रही है। सिद्धू को कैप्टन की सहमति के बिना ही कांग्रेस ने प्रदेश प्रधान की कमान सौंपी थी। वहीं, अहम पहलू यह भी है कि पीके कैप्टन और सिद्धू के बीच में कड़ी भी हैं, क्योंकि सिद्धू को कांग्रेस में लाने में पीके ने अहम भूमिका अदा की थी, जबकि पीके कैप्टन के प्रधान रणनीतिकार भी थे। ऐसे में माना जा रहा था कि पीके इस बार भी कैप्टन और सिद्धू के बीच की दूरी मिटाने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।

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