बकाया 25 करोड़ रुपये की आरसी नहीं चुकाने पर प्रशासन सख्‍त, बिल्डर ग्रुप Wave के कार्यालय होंगे सील

वेव मेगा ग्रुप और उसके सहयोगी उप्पल चड्डा ग्रुप से बकाया वसूलने के लिए कार्यालय को सील करने के लिए प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया है।

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Wave: नोएडा और गाजियाबाद में बड़े प्रोजेक्‍ट से जुड़े वेव ग्रुप का नाम आजकल सुर्खियों में आ गया है।रियल एस्‍टेट के मशहूर नाम और जाने माने बिल्‍डर ग्रुप वेव (Wave) के कार्यालय सील करने का आदेश प्रशासन ने जारी किया।वेव मेगा ग्रुप और उसके सहयोगी उप्पल चड्डा ग्रुप से बकाया वसूलने के लिए कार्यालय को सील करने के लिए प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया है। एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता ने बताया कि वेव मेगा ग्रुप और उन्हीं के सहयोगी उप्पल चड्डा ग्रुप पर करीब 25 करोड़ रुपये के बकाये की आरसी है।ऐसे में उनके कार्यालय को तहसील की टीम सील करेगी।

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बकाया राशि का कुछ भुगतान करने पर Wave Group को दोबारा हो सकता है भू आवंटन

सूत्रों का कहना है कि प्राधिकरण की ओर से आवंटन निरस्तीकरण के 90 दिन के भीतर अगर वेव ग्रुप बकाया राशि का 2500 करोड़ रुपये या उसका कुछ अंश जमा कर देता है, तो उसे दोबारा जमीन का आवंटन हो सकता है। हालांकि इसके लिए ग्रुप को प्राधिकरण में प्रत्यावेदन देना होगा। इस आधार पर प्राधिकरण फिर से विचार करेगा। प्राधिकरण इस जमीन और इमारत को नीलाम करेगा। नीलामी के दौरान दूसरे इच्छुक बिल्डर इस संपत्ति को खरीद कर इसे विकसित करने का काम कर सकेंगे। इस एवज में उन्हें भी फायदा होगा।

प्राधिकरण को यह फायदा होगा, कि वह नई दर पर जमीन बेच सकेगा। वहीं दूसरे बिल्डर चाहें तो इस निर्माण को पूरा कर खरीदारों को बचा सकेंगे। बिल्डर खुद नीलामी में शामिल होकर इसे फिर से खरीद सकता है। हालांकि उसे पुराने नाम से नीलामी में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। इस तरीके से बिल्डर को उसकी पुरानी संपत्ति मिल सकेगी। गौरतलब है कि बिल्डर ने काफी निर्माण कर लिया है। ऐसे में वह नहीं चाहेगा कि यह जमीन उसके हाथ से निकल जाए।

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