Varanasi Tour: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी को लेकर दुनियाभर में लोगों के दिलों में कितना प्यार है। और इसे देखने की कितनी सुंदर चाहत है, आप इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि एक व्यक्ति ब्रिटेन (Britain) से साइलिकल चलाकर वाराणसी (Varanasi) पहुंच गया। 30,000 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद ब्रिटेन से आया ब्रिटिश नागरिक इन दिनों बनारस की गलियों में चाट समोसे के स्वाद चख रहा है। अहम बात यह है कि ल्यूक ग्रेनफिल शॉ (Luke Grenfell-Shaw) नाम का ब्रिटिश नागरिक कैंसर से पीड़ित है। जिंदगी के इस दहलीज पर पहुंचकर उसके मन में वाराणसी देखने की चाहत जागी तो वह साइकिल चलाकर ही शिव की नगरी पहुंच गया।
Varanasi का दीवाना
ल्यूक ग्रेनफिल शॉ ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि वे ब्रिटेन के ब्रिस्टर शहर से बीजिंग तक 30,000 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा पर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वाराणसी आने का उनका मुख्य उद्देशय हिंदुओं के पवित्र शहर को देखना है।
ल्यूक ग्रेनफिल शॉ ने कहा इस दौरान मैं इस शहर को घूमना और व्यंजनों का स्वाद लेना चाहता हूं। मैं साइकिल चलाकर यहां इसलिए पहुंचा हूं क्योंकि मैं संदेश देना चाहता हूं कि कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी आप बाहर जा सकते हैं और अभी भी अपने सपनों को प्राप्त कर सकते हैं।
Varanasi में चाय की चुस्की
जानकारी के मुताबिक, ल्यूक ग्रेनफिल शॉ के साथ उनकी मां भी हैं। दोनों 10 से ज्यादा देशों को पार करके वाराणसी पहुंचे हैं। वाराणसी के बाद ल्यूक कोलकाता और पश्चिम बंगाल होते हुए चीन जाएंगे। बता दें कि वाराणसी के पहले ल्यूक दिल्ली, आगरा, शिमला, चंडीगढ़, लुधियाना व अन्य कई शहर भी घूम चुके हैं।
इस समय ल्यूक ग्रेनफिल शॉ वाराणसी में ठहरे हुए हैं। वे गलियों को घूम रहे हैं। गंगा किनारे योगा कर रहे हैं। शिव भक्तों से बात चीत कर रहे हैं। सुबह सबेरे होते ही साइकिल पर सवार होकर बनारस शहर को जानने के लिए निकल जाते हैं।
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