लिवइन से लेकर बहुविवाह तक! जानिए क्‍या है उत्‍तराखंड का UCC बिल

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। उत्तराखंड विधानसभा में आज समान नागरिक संहिता (UCC) पर विधेयक पेश होगा। विधेयक में क्‍या-क्‍या होगा? इसको लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। यूसीसी को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि प्रस्तावित यूसीसी न केवल सभी वर्गों की भलाई के लिए होगा, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप भी होगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड कैबिनेट ने उच्च स्तरीय सरकार द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों के बाद, रविवार को समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी।

समान नागरिक संहिता में विवाह, तलाक, भरण-पोषण, संपत्ति अधिकार, गोद लेना और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्र शामिल हैं। कोई भी व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय का हो, यूसीसी उन सभी के लिए एक ही कानून है।

क्या-क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड में ?

विवाह पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा, जिसकी सुविधा ग्राम सभा स्तर पर भी दी जाएगी।
जाति, धर्म या संप्रदाय कोई भी हो, तलाक पर एक समान कानून होगा।
बहुविवाह पर रोक लगेगी।
सभी धर्मों के बच्चों को गोद लेने का अधिकार होगा लेकिन दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
हलाला और इद्दत प्रथा बंद होगी।
लड़कियों को विरासत में लड़कों के बराबर हिस्सा मिलेगा।
लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर कराना होगा, जिसमें आधार कार्ड अनिवार्य होगा और 18 से 21 साल के बीच के जोड़ों को माता-पिता से सहमति पत्र देना होगा।
समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट में अनुसूचित जनजाति, ट्रांसजेंडर, धार्मिक मामले, पूजा पद्धति, परंपराओं से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।

आपको बता दें यदि विधेयक कानून का रूप लेता है तो उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद गोवा के नक्शेकदम पर चलते हुए यूसीसी को अपनाने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा।

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