NCP नेता Nawab Malik ने NIA की Chargesheet पर सवाल उठाए, BJP ने किया वार

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Nawab Malik
Nawab Malik

Maharashtra सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता Nawab Malik ने एंटीलिया मामले (Antilia Case) में NIA की chargesheet पर कई सवाल खड़े किए है। उन्होेंने कहा कि हम पहले दिन से कह रहे हैं कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त (former Mumbai Police Commissioner) परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने खुद को बचाने के लिए अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर आरोप लगाए।

भाजपा ने पूर्व गृह मंत्री को फंसाया है : मलिक

महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि परमबीर सिंह ने मुख्‍यमंत्री और अन्य को गुमराह किया। परमबीर चुपचाप सचिन वाजे से मिले। चार्जशीट के निष्कर्षों से पता चलता है कि इस गुनाह के पीछे जो व्यक्ति है, उससे पूछताछ नहीं की जा रही है। उन्होंने भाजपा के इशारे पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख फंसाया। एनआईए सिंह को बचाने और दूसरों को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है।

जिसे दिक्‍कत है वो अदालत जाए : बीजेपी नेता

वहीं नवाब मलिक के इस बयान पर हमला करते हुए महाराष्ट्र से बीजेपी विधायक आशीष शेलार (Ashish Shelar) ने कहा कि ” एनआईए अपना काम कर रही है। जो लोग इसकी चार्जशीट पर सवाल उठाना चाहते हैं वे कोर्ट जा सकते हैं। एनआईए की चार्जशीट का इस्तेमाल राजनीति करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ”

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने लगाए थे आरोप

यह विवाद 20 फरवरी को तब सामने आया जब मुबंई पुलिस के पूर्व कमिश्‍नर परम बीर सिंह (Param Bir Singh) ने अनिल देशमुख पर extortion के गंभीर आरोप लगाए। महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्दव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लिखे एक पत्र में सिंह ने देशमुख के इस बयान का खंडन किया था कि उनका तबादला एंटिलिया बम केस (Antilia bomb case) में हुई गंभीर चूक के कारण हुआ था। इसके अलावा, उन्‍होंने आरोप लगाया था कि NCP नेता ने police inspector सचिन वाजे से मुबंई में 1750 बार, रेस्तारां और अन्‍य प्रतिष्‍ठानों से हर महीने 100 करोड़ रूपये की वसूली करने के लिए कहा था।

High Court के निर्देेेश के बाद देशमुख ने इस्‍तीफा दिया

High Court द्वारा CBI को इन आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिए जाने के बाद, अनिल देशमुख ने महाराष्‍ट्र के गृह मंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया था और दिलीप वालसे पाटिल को उनकी जगह मिली।सीबीआई ने 21 अप्रैल को देशमुख और अज्ञात व्‍यक्तियों के खिलाफ भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 के तहत FIR दर्ज की थी। एफआईआर के अनुसार, महाराष्‍ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख जानते थे कि निलांबित असिस्‍टेंट police inspector सचिन वाजे को मुंबई के ज्‍यादातर सनसनीखेज और महत्‍वपूर्ण केसों को सौंपा गया था। उन्‍होंने उनके ऊपर अधिकारियों के स्‍थानांतरण और पोस्टिंग पर अनुचित प्रभाव डालने और अधिकारियों द्वारा उनके निचले अधिकारियों के काम करने के तारीके में खलल डालने के भी आरोप लगाया।

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