महाविकास अघाड़ी के साथ तनातनी हो या शिवाजी महाराज को लेकर दिया बयान, जानिए Koshiyari के जाने की बड़ी वजहें

Koshiyari: राज्यपाल की कुर्सी पर लगभग 3 साल तक टिके रहे कोश्यारी इस छोटे से कार्यकाल में अपने बयानों और फैसलों से कई बार विवाद खड़ा कर चुके हैं।अपने कार्यकाल के दौरान महाविकास अघाड़ी के साथ भी उनकी तनातनी खुलकर नजर आई।

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Koshiyari top news today
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Koshiyari: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।अब उनकी जगह झारखंड के राज्‍यपाल रहे रमेश बैस को महाराष्ट्र में नियुक्‍त किया गया है।मालूम हो कि कोश्‍यारी ने हालही में ही अपने पद से इस्‍तीफा देने की बात कही थी।इसके लिए उन्‍होंने पत्र लिखकर पदमुक्‍त किए जाने की मांग भी की थी। राज्यपाल की कुर्सी पर लगभग 3 साल तक टिके रहे कोश्यारी इस छोटे से कार्यकाल में अपने बयानों और फैसलों से कई बार विवाद खड़ा कर चुके हैं।अपने कार्यकाल के दौरान महाविकास अघाड़ी के साथ भी उनकी तनातनी खुलकर नजर आई।उन्‍होंने कई बार कुछ ऐसे बयान भी दिए जिसे लेकर विवाद छिड़ गया। यहां तक की उन्‍हें माफी तक मांगनी पड़ी।

इसी वर्ष जनवरी में उन्होंने महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में कहा था कि भले ही इस पद पर उन्हें कोई खुशी नहीं है,लेकिन आध्‍यात्‍मिक नेता जब गर्वनर हाउस में आते हैं।उन्‍हें ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने पर बेहद खुशी होती है।

Bhagat Sigh Koshiyari News
महाराष्ट्र के पूर्व राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ।

Koshiyari: जानिए कोश्‍यारी के राजनीतिक जीवन के बारे में यहां

Koshiyari: उत्‍तराखंड से ताल्‍लुक रखने वाले भगत सिंह कोश्‍यारी उत्‍तराखंड के पूर्व सीएम रह चुके हैं। साल 2019 में उन्‍हें महाराष्ट्र का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया।इससे पहले वह नैनीताल सीट से सांसद भी रह चुके हैं।
साल 2002 से 2007 तक वे उत्‍तराखंड विधानसभा में नेता विपक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। साल 2008 से 2014 तक वे उत्‍तराखंड से राज्‍यसभा के लिए सांसद भी चुने जा चुके हैं। उन्‍हें महाराष्ट्र के पूर्व राज्‍यपाल सी. रविशंकर का कार्यकाल पूरा होने के बाद यहां का नया राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया।

Koshiyari: जब फड़नवीस को तड़के ही दिलवा दी शपथ

महाराष्ट्र के राज्‍यपाल के तौर पर भगत सिंह कोश्‍यारी का एक फैसला बेहद विवादों में रहा। साल 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कोश्‍यारी ने 23 नवंबर 2019 की तड़के ही देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पंवार को सीएम और डिप्‍टी सीएम के तौर पर शपथ दिलाई थी। जबकि इसके 3 दिन बाद ही अजीत पवार ने सरकार से अलग होने के बाद फड़नवीस ने शक्‍ति परीक्षण से पूर्व ही अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था।

Koshiyari: शिवाजी राजे को बताया पुराने समय का प्रतीक

Koshiyari: पिछले वर्ष ही कोश्‍यारी ने एक सार्वजनिक समारोह में मराठा साम्राज्‍य के संस्‍थापक शिवाजी महाराज को पुराने समय का प्रतीक बता दिया था।जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था।इस मसले पर उन्‍हें तीखी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी।हालांकि बाद में उन्‍हें सफाई भी देनी पड़ी थी।

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