झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है। खबर है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को गिराने की साजिश रचि जा रही है। इस मुद्दे को लेकर सोरेन सरकार ने मजदूरों और सब्जि वालों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद अब नई नई परते खुल रहीं हैं।

पुलिस ने शुरुआती पूछताछ में खुलासा किया है कि सरकार गिराने की साजिश में झारखंड के दो पत्रकार और तीन विधायक समेत कुछ बिचौलिए शामिल थे। खबर है कि दिल्ली में विधायकों से लेन देन की भी डील हुई थी। करीब एक करोड़ रकम पर डील पक्की हुई थी।

एक करोड़ एडवांस का वादा भी किया गया था, नहीं देने पर विधायक रांची लौट गए थे। डील में महाराष्ट्र के दो नेता चंद्रशेखर राव बावनकुले और चरण सिंह शामिल थे। गिरफ्तार अभिषेक , अमित व निवारण ने दोनों को महाराष्ट्र का भाजपा विधायक बताया था लेकिन वहां के विधायकों की सूची में इनका नाम नहीं है।  

अभिषेक ने बताया है कि 16 जुलाई को भी तीनों स्थानीय विधायक दिल्ली में बड़े नेताओं से मिले। उन्हें एक करोड़ एडवांस देने का वादा किया गया था, लेकिन एडवांस नहीं मिलने पर वे नाराज हो गए और उसी दिन दोपहर 2.30 बजे की फ्लाइट से रांची लौट गए।

गिरफ्तार आरोपियों के मुताबिक, दिल्ली से लौटने के बाद भी जयप्रकाश वानखड़े लगातार विधायकों व उनसे संपर्क में रहे। 21 जुलाई को वानखड़े अपने साथ मोहित भारतीय को लाए। इसके बाद होटल ली लैक से बारी बारी से कई स्थानीय विधायकों से संपर्क किया। जयकुमार, मोहित के अलावा अलग अलग कमरों में आशुतोष ठक्कर और अमित कुमार यादव नाम के व्यक्ति भी थे। 

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होटल का कमरा 407, 307, 310, 611 बुक था। रांची में दो पत्रकार कुंदन सिंह और संतोष कुमार द्वारा भी दो अलग अलग विधायकों से संपर्क की बात सामने आयी है। अभिषेक ने स्वीकार किया है कि सदन में वोटिंग कराकर सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी।

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