Hanuman Chalisa Row: 13 दिनों बाद जेल से रिहा हुए राणा दंपती, कई शर्तों के साथ कोर्ट ने दी थी जमानत

अदालत ने कहा कि जब भी बुलाया जाएगा राणा जांच अधिकारी द्वारा पूछताछ के लिए खुद उपलब्ध होंगे। अदालत ने कहा कि वे किसी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे या सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और जांच में भी हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं करेंगे।

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Navneet Rana
Navneet Rana

Hanuman Chalisa Row: अमरावती के सांसद नवनीत राणा गुरुवार को भायखला जेल से रिहा हो गई हैं। राणा दंपती को कई शर्तों के साथ एक दिन पहले जमानत दे दी गई थी। दंपति पहले भी देशद्रोह के एक कथित मामले में जेल की सजा काट चुके हैं लेकिन इस बार उन्हें 13 दिन ही सलाखों के पीछे रहना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, नवनीत राणा पहले चिकित्सकीय जांच के लिए लीलावती अस्पताल जाएंगी।

बता दें कि राणा दंपती को बुधवार को सत्र न्यायालय ने जमानत दे दी। वहीं सांसद के वकीलों ने कहा था कि अमरावती जिले के बडनेरा से विधायक रवि राणा को तुरंत रिहा नहीं किया गया क्योंकि आवश्यक दस्तावेज उन जेलों तक नहीं पहुंचे थे।

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Hanuman Chalisa Row: Navneet Rana released from jail

Hanuman Chalisa Row: 23 अप्रैल को हुई थी दंपती की गिरफ्तारी

बता दें कि राणा दंपती को मुंबई पुलिस ने 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। राणाओं ने घोषणा की थी कि वे यहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे, जिससे शिवसेना, ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हो गए, जिससे राज्य में तनाव का माहौल पैदा हो गया। हालांकि, दंपती ने बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शहर की यात्रा का हवाला देते हुए हनुमान चालीसा का पाठ नहीं किया, लेकिन, उसके बाद भी पुलिस ने उन पर राजद्रोह और ‘विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ और अन्य अपराधों के लिए FIR दर्ज किया।

Hanuman Chalisa Row
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Hanuman Chalisa Row: इन शर्तों पर मिली जमानत

गौरतबल है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत के न्यायाधीश आर एन रोकड़े ने उन्हें जमानत देते हुए कई शर्तें रखीं। उन्होंने कहा कि आरोपी मामले से संबंधित विषयों पर मीडिया से बात नहीं करेगा।

अदालत ने कहा कि जब भी बुलाया जाएगा राणा जांच अधिकारी द्वारा पूछताछ के लिए खुद उपलब्ध होंगे। अदालत ने कहा कि वे किसी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे या सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और जांच में भी हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं करेंगे। अदालत ने साफ-साफ कहा कि किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर जमानत तुरंत रद्द कर दी जाएगी।

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