बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुए मौतों के मामले में यूपी एसटीएफ ने इन्सेफलाइटिस वॉर्ड के तत्कालीन प्रभारी डा. कफील खान को गिरफ्तार कर लिया है। वह वार्ड के प्रभारी के साथ-साथ बालरोग विभाग के अध्यक्ष भी थे।

यूपी एसटीएफ के डीआईजी मनोज तिवारी ने बताया कि डा. कफील के लखनऊ और गोरखपुर स्थित घर से कुछ ऐसी बातें पता चलीं है, जिससे लगता है कि अन्य आरोपियों के अलावा वह भी बच्चों की मौत में दोषी हैं। दो दिन पहले से ही पुलिस और एसटीएफ उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में लगी हुई थी, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिल सकी थी। गिरफ्तारी के लिए डॉ. कफील के लखनऊ और गोरखपुर स्थित घर के साथ ही उनके प्राइवेट अस्पताल में भी छापा मारा गया था। इसके साथ ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी पूर्णिमा को भी कानपुर से गिरफ्तार किया गया।

आपको बता दें इन तीनों के साथ-साथ आक्सीजन सप्लायर कंपनी पुष्पा सेल्स के दो अधिकारियों के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 409 (भरोसा तोड़ना), 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (ठगी) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि डॉ. कफील वही व्यक्ति हैं जिन्हें मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के घटना के वक्त एक ‘मसीहा’ के तौर पर पेश किया जै रहा था। मीडिया में इस तरह की खबरें आई थीं कि ऑक्सिजन की कमी के वक्त वह खुद अपनी गाड़ी से अपने दोस्तों के निजी अस्पतालों से ऑक्सिजन सिलिंडर लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। हालांकि, बाद में कफील पर प्राइवेट अस्पताल चलाने सहित कई गंभीर आरोप भी लगे। उन पर अपनी क्लीनिक के लिए अस्पताल से सिलेंडर चुराने का भी आरोप लगा था।

हालांकि कुछ लोग कफील के गिरफ्तारी को एक राजनीतिक साजिश भी बता रहें हैं। अब सच्चाई क्या है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा !

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