केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार, 3 जुलाई को अध्यादेश की कॉपी जलाने की घोषणा

Delhi Ordinance: दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अधिकार को लेकर केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

0
57
Delhi Ordinance
Delhi Ordinance

Delhi Ordinance: दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अधिकार को लेकर केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, केंद्र सरकार 19 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश लेकर आई थी। इस अध्यादेश में उसने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को सौंपा गया था। इसके बाद से ही केजरीवाल सरकार केंद्र पर लगातार हमलावर बनी हुई थी। वहीं, अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल ने कई नेताओं से मुलाकात भी की थी।

बता दें, दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार के अध्यादेश को गैर-कानून और असंवैधानिक ठहराया है। दिल्ली सरकार ने अदालत से याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए अध्यादेश पर रोक लगाने की मांग की है। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने 3 जुलाई को अध्यादेश की कॉपी जलाने का भी फैसला किया है।

FotoJet 85

Delhi Ordinance: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश में क्या है?

केंद्र सरकार ने नए अध्‍यादेश के माध्‍यम से ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ का गठन किया था। बताया गया कि इस प्राधिकरण का काम ‘दानिक्स’ काडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई से जुड़ा कामकाज देखना है। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा। ​​​​​​संसद में अब 6 महीने के अंदर इससे जुड़ा कानून भी बनाया जाएगा।

गौरतलब है कि केंद्र के इस अध्‍यादेश से महज एक हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को है। इसके साथ-साथ कोर्ट ने यह भी साफ किया था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के हर अधिकार में उपराज्यपाल दखल नहीं दे सकते हैं।

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here