Uniform Civil Code के समर्थन में आम आदमी पार्टी, कहा- धर्म, संप्रदायों से चर्चा कर सहमति होनी जरूरी

Uniform Civil Code: आम आदमी पार्टी नेता संदीप पाठक ने कहा, सैद्धांतिक रूप से हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं। संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसका समर्थन करता है।

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

Uniform Civil Code:समान नागरिक संहिता यानी UCC पर आम आदमी पार्टी की ओर से बड़ी बात सामने आ रही है। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि सैद्धांतिक रूप से वह UCC का समर्थन करती है लेकिन सभी धर्म संप्रदायों से चर्चा कर आम सहमति बनानी चाहिए।
आम आदमी पार्टी नेता संदीप पाठक ने कहा, सैद्धांतिक रूप से हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं। संविधान का अनुच्छेद 44 भी इसका समर्थन करता है। अनुच्छेद 44 कहता है कि UCC होना चाहिए लेकिन ये मुद्दा सभी धर्म संप्रदाय से जुड़ा है, इसलिए स्टेक होल्डर्स से आम सहमति बनानी चाहिए।

Arvind Kejriwal
CM of Delhi Arvind Kejriwal

Uniform Civil Code: पीएम के बयान के बाद UCC पर बहस तेज

Uniform Civil Code:गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल में आए बयान के बाद समान नागरिक संहिता पर पूरे देश में बहस तेज हो गई है। मंगलवार को भोपाल में आयोजित बीजेपी के बूथ कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है।एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह यूसीसी के मुद्दे पर मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा, हमें ध्यान रखना चाहिए कि संविधान भी देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके पक्ष में है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाले इसका विरोध कर रहे हैं।

Uniform Civil Code: बोली कांग्रेस- पीएम मोदी ने किया ध्यान भटकाने का काम

पीएम मोदी के यूसीसी का जिक्र छेड़ने पर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला है। कांग्रेस ने साफ कहा कि पीएम मोदी महंगाई और बेरोजगारी से जनता का ध्यान भटकाने के लिए विभाजनकारी एजेंडा लेकर आए हैं।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की वकालत करते हुए राष्ट्र को परिवार के बराबर बताया है। सामान्य रूप से देखने पर ये तुलना सही लग सकती है, लेकिन वास्तविकता इससे कहीं अलग है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री का यूसीसी के पक्ष में मजबूती से बोलने का उद्येश्य मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, हेट क्राइम, भेदभाव और राज्यों के अधिकारियों को नकारने से ध्यान भटकाना है।

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