CM Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां सरकार “सतर्क” है और विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्य शांति से रहते हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार यहां हमेशा सतर्क रही है। और सभी लोग, चाहे वे किसी भी धार्मिक समूह के हों, शांति से रहते हैं। इसलिए यहां इस तरह के कदम की आवश्यकता नहीं है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कर चुके हैं मांग
बता दें कि इससे पहले, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जैसे नेता धर्मांतरण विरोधी कानून की जरूरत पर जोर देते रहे हैं। जाति जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और भाजपा के बीच वैचारिक विभाजन भी सामने आया था। कैबिनेट में कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के नेता आरोप लगाते रहे हैं कि कई “रोहिंग्या” और “बांग्लादेशी” बिहार में घुस आए हैं और इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उन्हें राज्य-स्तरीय जातियों में शामिल करके उनके प्रवास को वैध न बनाया जाए।
इन मुद्दों पर भाजपा से कतराते रहे हैं CM Nitish Kumar
बताते चलें कि1990 के दशक में कुमार अयोध्या, अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता, तीन तलाक, एनआरसी, और जनसंख्या नियंत्रण के लिए विधायी उपायों जैसे मुद्दों पर भाजपा के साथ एक ही पृष्ठ पर नहीं रहे हैं।
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