Azam Khan Bail: सपा नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की जमानत कोर्ट ने मंजूर कर दी है। कोर्ट की जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है। वक्फ बोर्ड की जमीन गलत तरीके से अपने पक्ष में कराने के मामले में आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। यह केस साल 2019 का है। आजम खान पर अलग-अलग मामलों में एक नहीं कई केस दर्ज हैं।
Azam Khan Bail: क्या था पूरा मामला?
बता दें कि आजम खान पर वक्फ बोर्ड की जमीन को गैरकानूनी ढंग से हथियाने का आरोप लगा था। साल 2019 के अगस्त महीने में पत्रकार अल्लामा जमीर नकवी ने आजम खान के खिलाफ मुकादमा दायर किया था। पत्रकार ने लखनऊ में केस दर्ज कराया था। बाद में इसे रामपुर के अजीम नगर थाने में ट्रांसफर कर दिया गया था।
इस मामले का फैसला पहले 4 दिसंबर 2021 को सुरक्षित हो गया था, लेकिन राज्य सरकार ने एक अर्जी दाखिल कर कुछ नए तथ्य पेश करने की मांग की थी। राज्य सरकार की अर्जी के बाद कोर्ट ने दोबारा मामले की सुनवाई शुरू की थी।
Azam Khan Bail: आजम खान पर कई और गंभीर मामले हैं दर्ज
तीन स्कूलों की फर्जी दस्तावेज से मान्यता लेने के मामले में हाल में ही आजम खान पर मुकदमा दर्ज हुआ है। आजम खान के खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। वक्फ बोर्ड के मामले को मिलाकर 87 मामलों में आजम खान की जमानत मंजूर हो चुकी है।
Azam Khan Bail: जौहर यूनिवर्सिटी के घोटाले का भी आरोप
वर्ष 2006 में आजम खान ने तहसील सदर रामपुर स्थित सीगनखेड़ा गांव के निकट अपने ड्रीम प्रोजेक्ट मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की नींव रखी थी। उनकी इस यूनिवर्सिटी का पहला पत्थर मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने शिलान्यास के तौर पर रखा था। सरकार लगातार यूनिवर्सिटी का दायरा बढ़ाती जा रही थी।
जब राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ तो यूनिवर्सिटी के आसपास के कुछ किसानों ने आवाज़ उठाई। किसानों ने आरोप लगाया कि आजम खान ने अपने रसूख के चलते उनकी ज़मीनों को उनकी मर्जी के बिना यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया था। यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था, लेकिन एक बार फिर से सपा की सरकार आयी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने और किसानों की आवाज़ दब कर रह गई।
2017 के विधानसभा चुनावों के बाद एक बार फिर से सत्ता परिवर्तन हुआ तब जाकर जमीनों से जुड़े कई ऐसे राज निकल कर सामने आए जिनसे रामपुर की स्थानीय जनता अनजान थी। जब आजम खान पर मुकदमे दर्ज कराए जाने का सिलसिला शुरू हुआ था तब जाकर पता चला कि उन्होंने अपने रसूख के दम पर जौहर यूनिवर्सिटी में सरकारी रोड, ग्राम समाज की भूमि, किसानों की भूमि, वक्फ बोर्ड की संपत्ति के साथ ही शत्रु संपत्ति भी कब्जा रखी थी।
अब आजम खान को वक्फ बोर्ड की भूमि कब्जे और जौहर यूनिवर्सिटी के भूमि मामले में कोर्ट से राहत मिली है। आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। भले ही आजम खान को जमानत मिल गई है,लेकिन अभी भी उन्हें जेल में ही रहना होगा क्योंकि आजम खान पर कई और मामले भी दर्ज है।
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