Wrestlers Protest:यौन शोषण के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों का कहना है कि सरकार उनके आरोपों पर ध्यान ही नहीं दे रही है।इसी कड़ी में विरोध का सबसे बड़ा चेहरा और दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट ने दावा किया कि राष्ट्रीय शिविर के दौरान पहले भी दो बार यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए थे, लेकिन डब्ल्यूएफआई इन मामलों को गंभीरता से नहीं लिया।विभाग मामलों को दबाने में सफल रहा।
विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश ने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने खेल मंत्री के साथ बैठक में अपनी आपबीती भी साझा की थी, लेकिन उन्होंने निगरानी पैनल गठित करने के अलावा कुछ नहीं किया।
खेल मंत्री ने एक समिति बनाकर मामले को फिर से दबाने की कोशिश की।हालांकि हमने इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाने की कोशिश की लेकिन इस मामले को हमेशा दबा दिया गया।एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने कहा कि अब लोग समझ सकते हैं कि आखिर वे 12 साल तक चुप क्यों रहे?
उन्होंने कहा, हमें खेल खेलना था, हमारा करियर, जीवन दांव पर था। इसलिए हम पर्याप्त साहस नहीं जुटा सके। अब हम अपने करियर में ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां हम बोल सकते हैं। एक शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ खड़ा होना आसान नहीं है।
Wrestlers Protest:पहलवानों का आरोप, मामले को दबाया गया
Wrestlers Protest: हालांकि जनवरी में सरकार की ओर से मामले की जांच का आश्वासन मिलते ही पहलवानों ने अपना विरोध वापस ले लिया था।डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए 5 सदस्यीय पैनल भी गठित किया गया था।
विनेश ने बताया कि वर्ष 2012 के राष्ट्रीय शिविर के दौरान एक पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की गई थी। बावजूद इसके 24 घंटे के भीतर उस मामले को दबा दिया गया। 2014 में एक फिजियो, जो गीता फोगाट के ट्रेनर भी थे, ने इसी तरह का मामला उठाया और उन्हें 24 घंटे के भीतर शिविर से हटा दिया गया। उस दिन से उनकी पत्नी किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकी।
विनेश ने आगे कहा, कि हमने अपना विरोध शुरू करने से पूर्व 3 महीने पहले एक सरकारी अधिकारी को सब कुछ समझाया था कि कैसे यौन उत्पीड़न हो रहा था और कैसे महिला पहलवानों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। खिलाड़ियों को ऐसी स्थिति में धकेला जा रहा था जहां वे अपनी जिंदगी के साथ कुछ भी कर सकती थीं।
इसके लिए 3-4 महीने इंतजार किया लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो हम जंतर-मंतर आ गए। जब हम खेल मंत्री से मिले तो महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं को साझा किया। लड़कियां उनके सामने रो रही थीं लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई।
साक्षी मलिक ने कहा कि विरोध के पीछे का मकसद ट्रायल से छूट मांगना नहीं था जैसा कि दिखाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें विदेश में आयोजित ट्रायल में हिस्सा लेने को कहा गया।जबकि वह भारत में पहले ही ट्रायल जीत चुकीं थीं। साल 2012 में एक और लड़की को जीतने के 24 घंटे के भीतर ट्रायल के लिए दोबारा उपलब्ध होने को कहा गया।
Wrestlers Protest:दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर भी उठाए सवाल
Wrestlers Protest:विनेश ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, दिल्ली पुलिस ने अभी तक कोई बयान दर्ज नहीं किया है। वे ताकत और पद का उपयोग करके पीड़ितों को तोड़ने में मदद कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस मामले में देरी करने की कोशिश कर रही है। वे बृजभूषण को जानकारी दे रहे हैं। शायद हमें सुप्रीम कोर्ट से ही न्याय मिलेगा।
विनेश ने कहा, बृजभूषण शरण सिंह राष्ट्रीय टेलीविजन पर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे यह संकेत मिलता है कि वह बंद कमरे में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार कर सकते हैं।
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