भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही टेस्ट सीरीज़ को भारत ने 2-1 से अपने नाम कर लिया है। भारत के सबसे सुंदर क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में खेले जा रहे चौथे और आखिरी टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को मैच के चौथे दिन ही 8 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही भारत ने 2-1 से सीरीज़ जीतकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया।
रोमांच से भरे इस सीरीज़ में काफी कुछ देखने को मिला। चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया पहली पारी के बाद पूरे मैच में वापसी ही नहीं कर पाई। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 300 रन बनाए जवाब में भारत ने 332 रन बनाकर पहली पारी में 32 रनों की बढ़त हासिल कर ली। जिसके बाद मैच के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज अपनी दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों के सामने मात्र 137 रनों पर ही ढ़ेर हो गए। भारत को चौथी पारी में जीत के लिए मात्र 106 रनों की जरूरत थी जिसे टीम ने 2 विकेट खोकर बढ़ी आसानी से हासिल कर लिया।
इस मैच में एक बार फिर भारतीय गेंदबाजों के सामने मेहमान टीम धाराशाही हो गई। विराट कोहली की जगह अपने करियर का पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेल रहे कुलदीप यादव ने पहली पारी में 68 रन देकर 4 विकेट लिए। इसके अलावा अश्विन, जडेजा, उमेश और भुवनेश्वर कुमार ने भी शानदार गेंदबाजी की। सर रविंद्र जडेजा ने तो पहले बल्लेबाजी में 4 चौके और 4 छक्के की मदद से 63 रन की पारी खेली और भारत को 32 रन की बढ़त दिलाई और फिर गेंदबाजी में भी 3 अहम विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया की कमर तोड़ दी। दूसरी पारी में अश्वीन, उमेश ने भी 3 विकेट लिया वहीं भुवनेश्वर कुमार ने स्टीव स्मिथ का सबसे महत्वपूर्ण विकेट लेकर टीम को जीत की तरफ अग्रसर किया। रविंद्र जडेजा को इस मैच में और पूरे सीरीज़ में शानदार खेल दिखाने के लिए मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज़ का खिताब दिया गया।
विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने लगातार सातवीं सीरीज़ जीती है, हालांकि पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 333 रनों से हराकर भारत के विश्व चैपिंयम होने पर सवाल उठा दिया था लेकिन दूसरे टेस्ट से ही भारत ने वापसी की और अपने दमदार खेल से दिखा दिया कि वो क्यों दुनिया की नंबर वन टेस्ट टीम है।
इस पूरे सीरीज़ में खेल के साथ-साथ दोनों देशों के खिलाड़ियों के बीच काफी नोकझोंक होती रही। पहले विराट-स्मिथ के बीच और फिर मुरली विजय और स्मिथ के बीच। चौथे टेस्ट में तो ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने मुलरी विजय को गाली तक दे दी, हालांकि आखिरी मैच के बाद स्टीव स्मीथ ने इसके लिए मांफी भी मांगी।