साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम को लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इतिहासकार रामचंद्र गुहा के एक बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। गुहा ने क्रिकेटर विराट कोहली की नरेन्द्र मोदी से तुलना करते हुआ कहा, “इतना तो केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रधानमंत्री मोदी को भी नहीं पूजते होंगे, जितना बोर्ड के अधिकारी विराट कोहली को पूजते है”।

विराट के रुतबे पर उठाए सवाल

बीसीसीआई के क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी के सदस्य रह चुके गुहा ने एक अंग्रेज़ी अखबार में प्रकाशित लेख में सीओए प्रमुख विनोद राय के साथ-साथ सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की मौजूदगी वाली सलाहकार समिति पर निशाना साधते हुए लिखा, अनिल कुंबले की जगह रवि शास्त्री जैसे साधारण क्रिकेटर को मात्र इसलिए क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया था, क्योंकि अथॉरिटी ने कोहली के रुतबे से डरते हुए, उनके सामने समर्पण कर दिया था

रवि शास्त्री कमजोर कोच है: गुहा

गुहा ने आगे लिखा, भले ही रवि शास्त्री जैसे कमजोर कोच की कमियां घरेलू मैदानों में हुए मैचों और सीरीज के दौरान देखने को नहीं मिली, लेकिन विदेशी दौरे में सच्चाई सामने आने लगी है‘मामला चाहे एफटीपी तैयार करने का हो या नेशनल क्रिकेट एकेडमी को चलाने का, विराट हर जगह अपनी मनमानी करते हैंमौजूदा समय में कोचिंग स्टाफ, सेलेक्शन कमेटी और एडमिनिस्ट्रेटर सभी विराट कोहली के आगे बौने हैं

गुहा ने बताई कुंबले के विदाई की वजह

गुहा ने अपने इस लेख में अनिल कुंबले के बारे में भी लिखा, उन्होंने बताया कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में कुंबले को सबसे बड़े मैच जिताऊ गेंदबाज के रूप में जाना जाता है, वह अपने कप्तान की हर बात नहीं मानते थे कुंबले देश के अकेले ऐसे शख्स थे, जो रुतबे में विराट को टक्कर देते थे और शायद यही उनकी विदाई का कारण भी बना

 विराट को बताया अहंकारी

अंत में उन्होंने लिखा, “बेशक वह एक बेहतर बल्लेबाज है, लेकिन उनका अहंकार टीम के काम नहीं आ रहा है, सिर्फ टीम को नुकसान झेलना पड़ रहा है”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here