Nag Panchmi 2022: नाग पंचमी का महत्‍व, पौराणिक कथा, पूजा मुहूर्त, जानिए सब कुछ यहां

Nag Panchami 2022: नाग पंचमी के दिन नाग देवता के लिए व्रत रखा जाता है। उनकी पूजा की जाती है। काल सर्प दोष और राहु-केतु संबंधी दोषों का निवारण करना भी बहुत शुभ माना जाता है।नाग पंचमी पर कभी भी जीवित सांप की पूजा न करें, बल्कि इस दिन नाग देवता की मूर्ति या फोटो की पूजा करें।

0
345
Nag Panchmi 2022
Nag Panchmi 2022

Nag Panchmi 2022: आगामी 2 अगस्‍त को नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इसके बारे में मान्‍यता है कि इस दिन सर्प की प्रतिमाओं को दुग्‍ध अर्पित करने से उनकी कृपा मिलती है और इंसान के जीवन से दुखों का अंत होता है। भारत में प्राचीन काल से ही नाग पूजन की परंपरा रही है। ऐसा माना जाता है कि करीब 3000 ईसा पूर्व यानी आर्यकालीन भारत में नागवंशियों के कबीले रहा करते थे। जो सर्प की पूजा करते थे। यही वजह है कि विभिन्‍न नागवंशों के नाम पर विभिन्‍न नागों के नाम रखे गए हैं। हमारे पुराणों के अनुसार कश्‍मीर में कश्‍यप ऋषि का राज हुआ करता था।उनकी पत्‍नी कद्रू से उन्‍हें 8 पुत्र उत्‍पन्‍न हुए। जिनके नाम इस प्रकार हैं। अनंत शेषनाग, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, पदम महापदम, शंख और कुलिक।

कुछ पुराणों में इस बात का वर्णन है कि नागों के अष्‍टकुल इस प्रकार हैं। वासुकी, तक्षक, कुलक, कर्कोटक, पदम, शंख, चूड़, महापदम और धनंजय। वहीं अग्निपुराण में 80प्रकार के नाग कुलों का जिक्र है।यही वजह है कि अनादिकाल से नागों का अस्तित्‍व देवी-देवताओं के साथ वर्णित है। यहां तक की बौद्ध और जैन देवताओं के सिर पर भी शेष छत्र होता है।देश के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों असम, नागालैंड, मणिपुर दक्षिण के आंध्र प्रदेश और केरल में भी कभी नागा जातियों का वर्चस्‍व रहा है।

NAG 2
Nag Panchmi 2022

Nag Panchmi 2022: जानिए नागपंचमी की पौराणिक कथा

प्राचीन काल में एक सेठ था।जिसके 7 पुत्र थे।सभी का विवाह हो चुका था।सेठ की सबसे छोटी बहू विदुषी और सुशील थी। एक दिन बड़ी बहू घर को लीपने के लिए सभी बहुओं के साथ पीली मिटटी लेने गई। वह मिटटी खोदने लगी इसी दौरान वहां एक सांप निकला।जिसे वह खुरपी से मारने लगी। ये देख छोटी बहू ने उसे रोकते हुए कहा कि इसे मत मारो ये निरापराध है। इतना सुनकर बड़ी बहू ने उसे नहीं मारा। तब छोटी बहू से सर्प से कहा कि तू कहीं जाना मत, हम सभी लौटकर आती हैं, तुम यहां से मत जाना।

ये कहकर वह घर चली गई और वादा भूल गई।जब उसे दूसरे दिन बात याद आई तो वहां पहुंची और बोली-सर्प भैया नमस्‍कार, सर्प ने कहा कि तू मुझे भाई कह चुकी है, इसलिए तुझे छोड़ देता हूं। झूठ बोलने पर तुझे डस लेता। आज से तू मेरी बहन हुई और मैं तेरा भाई। तुझे जो मांगना हो मांग ले। छोटी बहू बोली मेरा कोई भाई नहीं है, अच्‍छा हुआ जो तू मेरा भाई बन गया।
कुछ दिन बीतने के बाद वह सर्प मनुष्‍य का रूप रखकर उसके घर आया और बोला मेरी बहन को भेज दो। सभी ने कहा इसका कोई भाई नहीं है। वह बोला मैं इसके दूर के रिश्‍ते का भाई हूं और काम से बाहर था। घर के लोगों ने उसे सर्प के साथ भेज दिया। उसने मार्ग में बताया कि मैं वही सर्प हूं, इसलिए तू डरना नहीं और जहां चलने में कठिनाई हो मेरी पूंछ पकड़ लेना। उसने ऐसा ही किया, इस प्रकार वह उसके घर पहुंच गई और वहां धन-एश्‍वर्य देखकर चकित हो गई।

वहां पहुंचकर सर्प ने उसे हीरे-जवाहरात काफी धन देकर ससुराल भेजा।ससुराल में ये देख सभी चकित हुए। बड़ी बहू बोली सोने की झाडू भी होनी चाहिए, ये सुनकर वह सोने की झाडू भी दे गया।
एक दिन सर्प ने उसे बड़ा महंगा हार दिया। जिसकी चर्चा सभी जगह फैली और उस देश की रानी ने भी वही हार पाने की जिद की, सेठ ने डरकर हार रानी के पास भेज दिया।

उधर छोटी बहू ने रोते हुए सर्प को यादकर पूरी बात बताई। जैसे ही रानी ने हार अपने गले में डाला वो सांप बन गया। रानी की चीख निकल गई और हार वापिस छोटी बहू को लौटा दिया।
इसी दिन से महिलाएं सर्प को अपना भाई समान मानकर उसे आशीर्वाद मांगती हैं और नाग पंचमी का पर्व मनाती हैं। परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करतीं हैं।

Nag Panchmi 2022
Nag Panchmi 2022

Nag Panchmi 2022: नाग पंचमी शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी मंगलवार, अगस्त 2, 2022 को
नाग पंचमी पूजा मूहूर्त -सुबह 06 बजकर 05 से 08 बजकर 4.41 मिनट तक

Nag Panchmi 2022: नाग पंचमी पूजा मंत्र

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले.
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः.
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥

अर्थात इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झीलें, कुएं, तालाब तथा सूर्य-किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें और हम सभी आपको बार-बार नमन करते हैं।हमारी पूजा को स्‍वीकार करें।

अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्.
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्.
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः.
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥

अर्थात नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं। रोजाना सुबह नियमित रूप से इनका जप किया जाए तो नाग देवता सभी पापों से सुरक्षित रखेंगे और जीवन में विजयी बनाएंगे।

Nag Panchmi 2022: नाग देवता के लिए रखते हैं व्रत

नाग पंचमी के दिन नाग देवता के लिए व्रत रखा जाता है। उनकी पूजा की जाती है। काल सर्प दोष और राहु-केतु संबंधी दोषों का निवारण करना भी बहुत शुभ माना जाता है।नाग पंचमी पर कभी भी जीवित सांप की पूजा न करें, बल्कि इस दिन नाग देवता की मूर्ति या फोटो की पूजा करें। मंदिर में जाकर भी पूजन कर सकते हैं। जीवित सांप को कभी भी दूध न पिलाएं, उनके लिए दूध जहर के समान हो सकता है। उनकी प्रतिमा पर ही पीतल के लोटे से दूध चढ़ाएं।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here