बचपन बचाओ आन्दोलन के मुखिया और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर चोरी का मामला सामने आया है। सत्यार्थी का घर कालकाजी इलाके के अलकनंदा अपार्टमेंट में है। यह अपार्टमेंट  दिल्ली के सबसे पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश पार्ट-2 में है। चोरी की यह वारदात सोमवार रात उनकी अनुपस्थिति में हुई है। एनजीओ के सूत्रों से मिल रही ख़बरों के मुताबिक कैलाश अभी लैटिन अमेरिकी देश के बगोटा शहर के दौरे पर हैं।

चोरी की इस वारदात में चोरों ने कैलाश के घर से कीमती सामानों के अलावा नोबेल पुरस्कार के साथ मिली रेप्लिका और सर्टिफिकेट भी चुरा लिया है। मेडल पहले ही सत्यार्थी देश को समर्पित कर चुके हैं। यह मेडल राष्ट्रपति भवन में रखा गया है। घटना की जानकारी आज सुबह तब मिली जब उनके एनजीओ के कर्मचारी घर पहुंचे। घर के अन्दर देखने पर पाया की दरवाजे का ताला टूटा हुआ है। अंदर से सामान भी गायब थे। इसके बाद उन्होंने पुलिस को जानकारी दी। दिल्ली पुलिस फोरेंसिक एक्सपर्ट टीम के साथ मौके पर पहुंच कर जाँच कर रही है। चोरों का पता लगाने के लिए पुलिस घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने की तैयारी में है। आ रही खबरों के मुताबिक चोर घर में लगे सीसीटीवी फुटेज की सीडीआर भी साथ ले गए हैं।

Nobel prize replica stolen from Kailash Satyarthi's home

कैलाश सत्यार्थी का जन्म मध्यप्रदेश के विदिशा में 11 जनवरी 1954 को हुआ था। कैलाश पेशे से इंजिनियर हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीब बच्चों के उत्थान के लिए समर्पित करने का संकल्प लिया है। सत्यार्थी बचपन बचाओ आन्दोलन नाम के एनजीओ के मुखिया हैं। कैलाश मदर टरेसा के बाद शांति का नोबेल पाने वाले दूसरे भारतीय हैं। उन्हें यह पुरस्कार 2014 में मलाला युसुफजई के साथ संयुक्त रूप से दिया गया था। यह पुरस्कार सत्यार्थी द्वारा 80000 बच्चों के बचपन और भविष्य को सुधारने के लिए प्रदान किया गया था। कैलाश की संस्था तस्करों और बाल मजदूरी के चंगुल में फंसे बच्चों को बचाने का और उनके भविष्य को सँवारने का काम करती है।

यहाँ यह बताना जरुरी है कि बड़े और अन्तराष्ट्रीय पुरस्कारों और मेडल की यह कोई पहली चोरी नहीं है। इससे पहले रविंद्रनाथ टैगोर को मिले नोबेल मेडल सहित कई कागज़ 25 मार्च 2004 को चोरी हो गए थे। चोरी की यह घटना बंगाल के विश्व भारती यूनिवर्सिटी में हुई थी।

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